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गहलोत सरकार की योजनाओं को अब फिर से लग सकते हैं पंख

locationपालीPublished: Dec 14, 2018 06:35:06 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-कुड़ी हौद से रोहट पाइप लाइन व डीएमआइसी प्रोजेक्ट आज भी धूल फांक रही

Congress government plans in Pali

गहलोत सरकार की योजनाओं को अब फिर से लग सकते हैं पंख

पाली/रोहट। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार की योजनाओं के पटरी पर लौटने की उम्मीद भी बलवती हुई है। गहलोत के घर में धूल फांक रहे कई प्रोजेक्ट अब गति पकड़ सकते हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस भी वसुंधरा सरकार को गाहे-ब-गाहे घेरती रही है। अब प्रदेश में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा होने के साथ कांग्रेस की सरकार पुन: सत्ता में लौटी है तो उम्मीद जगी है कि अधूरी योजनाएं फिर से गति पकड़ेंगी। मुख्यमंत्री गहलोत के गृह जनपद के पड़ौस की हो तो उम्मीदें कुलाचें मारना स्वाभाविक भी है।
पाइप लाइन से धूल छंटने की उम्मीद
रोहट क्षेत्र में सन् 2002 में गहलोत सरकार रोहट व पाली की जनता की प्यास बुझाने के लिए कुड़ी हौद से रोहट तक पाइप लाइन बिछा कर मात्र 29 दिन में रोहट, पाली व सोजत की जनता की प्यास बुझाई थी लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद वो पाइप लाइन आज दिन तक धूल फांक रही है। अब कांग्रेस सरकार के आने के बाद रोहट क्षेत्र में पानी की विकट समस्या को दूर करने के लिए धूल फांक रही पाइप लाइन के पंख लगने की उम्मीद है। पाइप लाइन की मर मत पर भाजपा सरकार ने जरूर दो करोड़ रुपए खर्च किए। इसके उपरांत रोहट को इस पाइप लाइन के जरिए पानी नहीं मिल पाया। पूर्व में 2002 में जब गहलोत सरकार थी तो रोहट पाली व सोजत में पानी की विकट समस्या उत्पन्न हुई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जैसलमेर से पाइप लाइन उखाड़ कर मात्र 29 दिन में जोधपुर कुड़ी हौद से पाइप रोहट तक पाइप लाइन बिछा कर पानी पहुंचाया था। रोहट से पाली व सोजत की प्यास बुझाई थी। इसके बाद जवाई बांध से पानी की आपूर्ति होने लगी तो जोधपुर से रोहट की पाइप लाइन भूली-बिसरी हो गई। रोहट क्षेत्र में वर्तमान में पांच से सात दिन में पानी की सप्लाई हो रही है और क्षेत्र जवाई बांध पर निर्भर है। वर्तमान में जवाई बांध में पानी भी कम है। ऐसे में जोधपुर की पाइप लाइन रोहट-पाली की प्यास बुझाने में फिर मददगार साबित हो सकती है।
शुरू होनी चाहिए पाइप लाइन
अशोक गहलोत की सरकार में जोधपुर से रोहट पाइप लाइन बिछाई थी। वह भाजपा सरकार के समय उखाड़ फेंक दी आज जनता पेयजल की किल्लत झेल रहा है। यह पाइप लाइन शुरू होती है तो रोहट क्षेत्र व पाली जिले को राहत मिलेगी। -अशोक मेवाड़ा, पूर्व सरपंच रोहट
डीएमआइसी प्रोजेक्ट की रिपोर्ट पूरी बन चुकी है, लेकिन इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है। डीएमआइसी प्रोजेक्ट का इ पलीमेंट सरकार को जल्दी करना चाहिए, जिससे उद्योग बढ़ सके। प्रोजेक्ट के लिए रोक लगा रखी है उसमें भी परिवर्तन करना चाहिए। -अजय चारण, उपखंड अधिकारी, रोहट
पॉवरलूम औद्योगिक क्षेत्र को भी लग सकेंगे पंख
शहर के कई मोहल्लों में प्लास्टिक की चूड़ी कटिंग का कार्य व पाइप बनाने का कार्य चलता है। चूड़ी व टेक्सटाइल उद्यमियों की मांग पर नया गांव के निकट पॉवरलूम उद्योग विकसित कर इन्हें भूखण्ड देने की योजना बनाई गई। 16 सितम्बर 2011 को नया गांव के निकट कांग्रेस के शासन में पॉवरलूम औद्योगिक क्षेत्र का शिलान्यास अशोक गहलोत ने किया था। लेकिन यह प्रोजेक्ट भी सत्ता बदलते ही ठंडे बस्ते में चला गया। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट के पूरा होने की आस जगी है।
सोजत को भी हैं काफी उम्मीदें
सोजत क्षेत्र की भी कई उम्मीदें हैं। 2013 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में सोजत क्षेत्र में फिल्टर प्लांट निर्माण, सीवरेज लाइन की योजनाओं पर फिर अमल होने की उम्मीद जगी है। रोहट का औद्योगिक क्षेत्र भी कर रहा इंतजार पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में केन्द्र की डीएमआइसी योजना शुरू हुई थी। इसमें रोहट के निकट औद्योगिक क्षेत्र बसाना प्रस्तावित है। परियोजना के तहत आठ गांवों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण और संपरिवर्तन जैसे काम होने के बावजूद यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में है। इसका खामियाजा रोहट क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। इन आठ गांवों की भूमि संपरिवर्तन पर सरकार ने रोक लगा रखी है। ग्रामीण अपनी जमीन भी परिवर्तित नहीं करवा सकता और न ही बेच सकता। यहां तक आबादी परिवर्तन पर भी रोक है। सालों से पविर्तन की उम्मीद पाले ग्रामीणों को अब सत्ता परिवर्तन से फिर उम्मीदें जगी है।
वीरान राजीव विहार के आबाद होने की आस
कांग्रेस के शासनकाल में रामासिया के निकट 263.19 बीघा भूमि पर नगर परिषद के जरिए नई पाली योजना (राजीव विहार) बसाने का प्लान 14 करोड़ रुपए में बनाया था। तीन अक्टूबर 2013 को अशोक गहलोत के हाथों इसका उद्घाटन भी करवाया गया। इसे विकसित करने पर चार-पांच करोड़ रुपए खर्च भी किए गए। योजना में 1130 भूखण्ड काटे गए। लॉटरी के जरिए इनमें से 550 से अधिक भूखण्डों का आवंटन भी किया गया। लेकिन सत्ता बदलते ही यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। राज्य में एक बार फिर से कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। ऐसे में शहरवासियों में आस जगी है कि कांग्रेस शासनकाल में शुरू हुआ यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पूरा होगा।
मीठड़ी बांध पुनर्भरण पर फिर हो सकेगा विचार
बाली। क्षेत्र में मिठड़ी बांध के पुनर्भरण की योजना को लेकर तत्कालीन मु यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की थी। इसके तहत बांध को लेकर एक महत्वपूर्ण योजना तैयार करवाने पर चर्चा हुई थी, ताकि उससे मिठड़ी बांध भरेगा। इस बांध का पानी नदी में भी छोड़ा जा सकेगा। जो जालोर तक के किसानों के कुओं का जल स्तर बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। कांग्रेस की सत्ता में वापसी से इस योजना पर काम होने की उम्मीद भी जगी है।
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