वार्डन संजय वैष्णव के विरुद्ध पहले भी कई शिकायतें हुई है। पूर्व में भी विद्यार्थी कई बार शिकायत लेकर कलक्ट्रेट पहुंच चुके हैं। वैष्णव पर छात्रों से दुव्र्यवहार और छात्रावास में अव्यवस्थाओं के आरोप लगे हैं। यही नहीं, जैतारण में वार्डन रहते हुए भी छात्रों ने उनके खिलाफ ऐसी ही शिकायतें की थीं।
हैरानी की बात है कि छात्रों की शिकायतें जिला कलक्टर तक कई बार पहुंची, लेकिन विभाग के सहायक निदेशक बेखबर बने हुए हैं। जबकि छात्रावास और समाज कल्याण विभाग का कार्यालय एक ही भवन में संचालित है। सहायक निदेशक ज्योतिप्रकाश अरोड़ा से इस संबंध में जानकारी चाही, लेकिन उनका फोन नो रिप्लाई रहा।
छात्रावास के कुछ विद्यार्थी दिन में मिले थे। मामले की जांच एसडीएम को सौंपी है। जांच में दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। – दिनेशचंद्र जैन, जिला कलक्टर, पाली महिला समन्वयकों ने स्थायी करने की लगाई गुहार
उसे नवम्बर 2017 से हटा दिया गया। जबकि वे महिलाओं से सम्बंधित व सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार गांव-गांव करती थी। ज्ञापन में बताया कि मार्च से नवम्बर 2017 तक का उनका मानदेय व सवा दो वर्षों का यात्रा भत्ता भी बकाया चल रहा है। ज्ञापन सौंप उन्होंने वापस नियुक्ति करने एवं बकाया मानदेय व यात्रा भत्ता दिलाने की मांग की। ज्ञापन सौंपते समय जरीना बानू, खैरूनिशा, डिम्पल कंवर, सुमित्रा, संतोष चौधरी सहित कई महिला ग्राम समन्वयक उपस्थित रही।