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राजस्थान के इस गांव के लोग 12 साल से पानी के लिए भटक रहे हैं, अब गर्मी में हो रहा बुरा हाल

locationपालीPublished: Apr 09, 2019 01:54:03 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

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Drinking water crisis in village Ghodavar of Jetaran area of Pali dist

राजस्थान के इस गांव के लोग 12 साल से पानी के लिए भटक रहे हैं, अब गर्मी में हो रहा बुरा हाल

– अब तक नहीं पहुंचा जवाई जल परियोजना का पानी

पाली/जैतारण। जिले के जैतारण क्षेत्र के ग्राम घोड़ावड़ मे पीने के पानी के अभाव में लोगों को भटकना पड़ रहा है। गांव में चार जीएलआर बने हुए हैं, लेकिन पिछले करीब 12 साल से सूखे पड़े हैं। जलदाय विभाग ने एक ट्यूबवेल व ओपनवेल भी खुदवाया, लेकिन उसमे भी पानी नहीं है। ओपनवेल में मात्र 15 मिनट में पानी खत्म हो जाता है। ऐसे में गर्मी के दिनों में ग्रामीणों का और बुरा हाल होने लगा है।
गांव के कैलाशनाथ ने बताया कि गांव में इस ओपनवेल में पानी कम होने के कारण ग्राम घोड़ावड़ में पिछले 12 वर्षों से पेयजल आपूर्ति बंद कर दी गई है। इससे पानी के लिए ग्रामवासियों को भटकना पड़ रहा है। घोड़ावड सरपंच मंजू रावल ने बताया कि गांव में जनता जल योजना के तहत स्थानीय स्तर पर पेयजल संधारण किया जा रहा था, लेकिन पानी का अभाव होने से यह योजना भी बंद हो गई है। लोगों को महंगी कीमत चुकाकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्राम घोड़ावड़ को पानी उपलब्ध करवाने के लिए ग्राम में ट्यूबवेल खोदा गया था, उसमे पानी निकाला था, लेकिन पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण एक तालाब एक ओपनवेल खोदा जा रहा है।
नहीं पहुंचा जवाई का पानी
गांव घोड़ावडं में वर्षों से पानी की शून्य आपूर्ति होने के बावजूद भी जवाई परियोजना के अधिकारियों ने रहमत नहीं दिखाई। हालांकि गांव में जवाई परियोजना के अधिकारियों ने पाइप लाइन बिछा दी गई है, लेकिन पानी से नही जोडऩे के कारण इस गर्मी के मौसम में विकट स्थिती उत्पन्न हो सकती है।्र
बंद हो गया आरओ प्लांट
घोड़ावड़ का ओपनवेल मात्र 15 मिनट चलता है तथा एक ट्यूबवेल भी है, लेकिन उसमें भी खारा पानी है। पीने योग्य नहीं है। तालाब में सरकार द्वारा आरओ प्लांट लगाया, लेकिन वह भी लम्बे समय से बंद पड़ा है।
जल्द मिले जवाई का पानी
घोडावड़ में पानी की शून्य आपूर्ति है, लेकिन जवाई परियोजना में ऐसे गांवों में पानी पहुंचाने के लिए प्राथमिकता रखनी चाहिए, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वर्ष 1985 में बने जीएलआर फूटे हुए हैं, उनमें पानी नहीं ठहर सकता है। इधर, जलदाय विभाग द्वारा खोदे गए ओपनवेल में भी पानी 15 मिनट में खत्म हो जाता है। आरओ. भी बंद पड़े हैं। -मंजू रावल, सरपंच, ग्राम पंचायत, घोड़ावड़
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