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पाली के कपड़ा उद्योग पर फिर लटकी तलवार, पढ़ें पूरी खबर

locationपालीPublished: May 21, 2019 11:29:25 am

Submitted by:

rajendra denok

भांडू में कार्रवाई से पाली में बढ़ा दबाव, अतिरिक्त पानी बहा सकते हैं उद्यमी

Pali's textile industry

पाली के कपड़ा उद्योग पर फिर लटकी तलवार, पढ़ें पूरी खबर

पाली. जोधपुर जिले के भांडू गांव में अवैध रूप से चल रहे कपड़ा धुलाई के प्लांटों पर कार्रवाई के बाद पाली के कपड़ा उद्योग पर भी तलवार लटकी हुई है। यहां सीइटीपी में ओवरफ्लो का खतरा बढ़ गया है। ओवरफ्लो जैसी सामने आई तो समस्या कपड़ा उद्योग की मुश्किलें बढ़ सकती है। सीइटीपी ने निगरानी के लिए अतिरिक्त कार्मिक जरूर नियुक्त किए हैं, लेकिन यहां का इतिहास गवाह रहा है कि कई फैक्ट्री मालिक अपनी हरकतों से बाज नहीं आए हैं। इससे समूचे कपड़ा उद्योग को खामियाजा भुगतना पड़ा है। एनजीटी के आदेश के बाद पाली में कपड़ा धुलाई के अवैध प्लांटों पर कुछ हद तक लगाम लगी है। सीइटीपी से जुड़ी फैक्ट्रियों को सप्ताह में पांच दिन निर्धारित मात्रा में पानी छोडऩे के लिए पाबंद किया हुआ है। इससे कई उद्यमी छटपटा रहे थे। उन्होंने दूसरा रास्ता निकाल लिया और भांडू गांव में कपड़ा धुलाई के लिए भेजना शुरू कर दिया। कई महीनों तक चोरी-छिपे भांडू में कपड़ा धुलाई के प्लांट चल रहे थे। पिछले दिनों प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने कार्रवाई की और उन्हें बंद करा दिया। इससे पाली में रासायनिक पानी फिर से पानी नदी में बहाने और होदियां ओवरफ्लो होने जैसा खतरा बढ़ गया है। दो पूर्व महावीर उद्योग नगर में दो फैक्ट्रियों के खिलाफ नाली में रंगीन पानी छोडऩे के आरोप में प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने कार्रवाई की थी।
सीइटीपी के लिए कड़ी चुनौती
सीइटीपी के लिए कपड़ा उद्योग को मापदंडों में चलाने की चुनौती बढ़ गई है। हालांकि, सीइटीपी मानकों पर अब भी खरा नहीं उतर रहा है, लेकिन पानी का दबाव बढ़ा तो स्थिति ज्यादा बिगड़ सकती है। वर्तमान में प्लांट संख्या छह से 12 एमएलडी पानी ट्रीट किया जा रहा है। प्रत्येक फैक्ट्री के लिए पानी की मात्रा निर्धारित है, लेकिन कई फैक्ट्री मालिक ज्यादा पानी छोड़ देते हैं। इससे सीइटीपी पर दबाव बढ़ता है और वह निर्धारित मानकों पर पानी ट्रीट नहीं कर पाता। सीइटीपी पर यह खतरा फिर मंडरा रहा है।
प्लांट संख्या छह का रखरखाव ठेके पर
सीइटीपी ने प्लांट संख्या 6 ठेके पर दे दिया है। अब प्लांट के रखरखाव का ठेका लेने वाली कंपनी मॉनिटरिंग करेगी। इसके लिए कंपनी ने ट्रायल बेस पर काम शुरू कर दिया है। कंपनी के प्रशिक्षित कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। कंपनी के आने के बाद ट्रस्ट ने वॉल्व खोलने में लापरवाही बरतने के कारण दो कार्मिकों को हटा दिया है।
सीइटीपी ने बढ़ाई निगरानी
ओवरफ्लो जैसे खतरे को देखते हुए सीइटीपी ने भी निगरानी बढ़ा दी है। प्लांट संख्या चार पर कार्यरत 28 कार्मिकों को प्लांट छह पर लगाया है। कार्मिकों को विशेष हिदायत दी गई है कि किसी भी सूरत में निर्धारित मात्रा से ज्यादा पानी नहीं लिया जाए। सीइटीपी ने फैक्ट्री मालिकों को भी चेताया है कि वे निर्धारित मापदंडों के अनुरूप उद्योग चलाने में सहयोग करे अन्यथा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
बरत रहे हैं सतर्कता
सीइटीपी के संचालन पर किसी तरह का खतरा नहीं आए, इसके लिए सतर्कता बरत रहे हैं। प्लांटों पर अतिरिक्त कर्मचारी भी नियुक्त किए हैं। चौबीसों घंटे समूची प्रक्रिया पर निगरानी रखी जाएगी। हमारा प्रयास रहेगा कि सीइटीपी पूरे मापदंडों के अनुरूप संचालित हो।
अशोक लोढ़ा, सचिव, सीइटीपी
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