सीइटीपी के लिए कपड़ा उद्योग को मापदंडों में चलाने की चुनौती बढ़ गई है। हालांकि, सीइटीपी मानकों पर अब भी खरा नहीं उतर रहा है, लेकिन पानी का दबाव बढ़ा तो स्थिति ज्यादा बिगड़ सकती है। वर्तमान में प्लांट संख्या छह से 12 एमएलडी पानी ट्रीट किया जा रहा है। प्रत्येक फैक्ट्री के लिए पानी की मात्रा निर्धारित है, लेकिन कई फैक्ट्री मालिक ज्यादा पानी छोड़ देते हैं। इससे सीइटीपी पर दबाव बढ़ता है और वह निर्धारित मानकों पर पानी ट्रीट नहीं कर पाता। सीइटीपी पर यह खतरा फिर मंडरा रहा है।
सीइटीपी ने प्लांट संख्या 6 ठेके पर दे दिया है। अब प्लांट के रखरखाव का ठेका लेने वाली कंपनी मॉनिटरिंग करेगी। इसके लिए कंपनी ने ट्रायल बेस पर काम शुरू कर दिया है। कंपनी के प्रशिक्षित कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। कंपनी के आने के बाद ट्रस्ट ने वॉल्व खोलने में लापरवाही बरतने के कारण दो कार्मिकों को हटा दिया है।
ओवरफ्लो जैसे खतरे को देखते हुए सीइटीपी ने भी निगरानी बढ़ा दी है। प्लांट संख्या चार पर कार्यरत 28 कार्मिकों को प्लांट छह पर लगाया है। कार्मिकों को विशेष हिदायत दी गई है कि किसी भी सूरत में निर्धारित मात्रा से ज्यादा पानी नहीं लिया जाए। सीइटीपी ने फैक्ट्री मालिकों को भी चेताया है कि वे निर्धारित मापदंडों के अनुरूप उद्योग चलाने में सहयोग करे अन्यथा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
सीइटीपी के संचालन पर किसी तरह का खतरा नहीं आए, इसके लिए सतर्कता बरत रहे हैं। प्लांटों पर अतिरिक्त कर्मचारी भी नियुक्त किए हैं। चौबीसों घंटे समूची प्रक्रिया पर निगरानी रखी जाएगी। हमारा प्रयास रहेगा कि सीइटीपी पूरे मापदंडों के अनुरूप संचालित हो।
अशोक लोढ़ा, सचिव, सीइटीपी