सुबह राहगीर ने देखा, पुलिस को सूचित किया
घायल ने बताया- मैं गुजरात में एक हलवाई के यहां काम करता हूं। रविवार को काम के लिए जा रहा था। पाली जंक्शन पर ट्रेन में चढ़ा तो काफी भीड़ थी। मैं ट्रेन में डिब्बे के गेट पर बैठ गया । रात करीब 2 बजे मुझे नींद आ गई और मैं चलती ट्रेन से गिर गया। हादसे में मेरा बायां पैर आधा कट गया। मैं पूरी रात बेहोश होकर रेलवे ट्रैक पर पड़ा रहा, दर्द से छटपटाता रहा। सोमवार की सुबह एक राहगीर की नजर मुझ पर पड़ी। स्थानीय लोगों ने पिंडवाड़ा पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और मुझे पिंडवाड़ा अस्पताल ले जाया गया। मेरा कटा हुआ पैर भी एक बैग में रख कर मेरे साथ भेज दिया गया. वहां से प्राथमिक उपचार के बाद पाली रैफर कर दिया गया।
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कटे पैर के साथ अस्पताल पहुंचा पीड़ित, डॉक्टर ने ये कहा
पुलिस के मुताबिक, हादसा पाली से करीब 140 किलोमीटर दूर पिंडवाड़ा में हुआ। स्थानीय लोगों से सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने पाली रैफर कर दिया। पाली में डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। डॉक्टरों का कहना है कि दुर्घटना में काफी देर होने के कारण कटा हुआ पैर अब नहीं जोड़ा जा सकता।
कितने समय तक जिंदा रहता है शरीर का कटा अंग
चिकित्सक के मुताबिक, आमतौर पर पुरुषों या महिलाओं के हाथ, पैर, टखने, घुटने तक पैर, कंधे तक पूरी बांह, उंगली, अंगूठा, पैर की उंगलियां, कान, इत्यादि हादसे में पूरी तरह से कट जाने के बाद जोड़े जा सकते हैं। लेकिन कटे हुए अंग को अस्पताल ले जाने तक जीवित होना जरूरी है। चिकित्सकों की माने तो उनके जीवित रहने का एक निश्चित समय होता है। अगर ये अंग उससे पहले अस्पताल में डॉक्टरों के पास पहुंच जाएं तो इन्हें मरीज के शरीर से दोबारा जोड़ना संभव है। चिकित्सक का मानना है कि कटी हुई उंगलियों (हाथ या पैर) को 16-18 घंटे तक बर्फ की थैली के अंदर सुरक्षित रूप से रखकर जोड़ा जा सकता है। कलाई से हाथ या घुटने से नीचे का पैर अलग हो जाए तो उसे 8-10 घंटे के अंदर आसानी से जोड़ा जा सकता है।