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गेहूं की जगह बांटे चावल, वे भी ‘कुपोषण देने वाले’

locationपालीPublished: Jun 04, 2020 07:24:45 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-पोषण की जगह बांट रहे कुपोषण-इल्लियां इतनी की साफ करना मुश्किल

गेहूं की जगह बांटे चावल, वे भी ‘कुपोषण देने वाले’

गेहूं की जगह बांटे चावल, वे भी ‘कुपोषण देने वाले’

पाली। लॉकडाउन लगने के बाद आंगनबाड़ी केन्द्र बंद हो गए। इस पर किशोरी व धात्री महिलाओं, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को घर-घर गेहूं बांटना तय किया गया, लेकिन उनकी गुणवत्ता कैसी है इसकी तरफ ध्यान किसी ने नहीं दिया। शहर में तो दो क्षेत्रों में गेहूं वितरण के लिए मिले ही नहीं तो चावल बांट दिए गए। बड़ी बात यह रही के बच्चों व गर्भवतियों के पोषण के लिए बांटे गए इन चावलों में इल्लियां ही इल्लियां थी। ऐसे में ये चावल खाने योग्य तक नहीं थे, लेकिन किसी अधिकारी या महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपरवाइजर आदि की नजर इस पर नहीं पड़ी। चावलों में इल्लियां होने को लेकर किसी के पास जवाब तक नहीं था।
320 किलो चावल बांटे
शहर के रामनगर और नाडी मोहल्ला स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से इन चावलों का वितरण किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इन दो केन्द्रों पर आने वाले बच्चों के लिए 320 किलो चावल दिए गए थे। इनमें से 118 किलो रामनगर और 202 किलो नाडी मोहल्ला केन्द्र के थे।
यहां से मिले थे चावल
आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से घर-घर गहूं वितरित करने के लिए लॉकडाउन के दौरान सरकारी स्कूलों में पड़े गेहूं का उपयोग करने के आदेश थे। इसी के तहत इन दो केन्द्रों पर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खोडिय़ा बालाजी से गेहूं दिए जाने थे। वहां गेहूं नहीं थे तो चावल दिए गए, लेकिन उनकी गुणवत्ता और इल्लियां होने को नजर अंदाज कर दिया गया।
दो किलो मात्रा तय
आंगनबाड़ी केन्द्रों से बांटे जाने वाले गेहूं की मात्रा तय थी। बच्चों को दो किलो ओर गर्भवती व धात्री महिलाओं को तीन-तीन किलो गेहूं दिए जाने थे। इसी मात्रा के अनुसार रामनगर और नाडी मोहल्ला क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों की ओर से 320 किलो चावल बांटे गए।
दो जगह बंटवाए चावल
शहर में गेहूं नहीं मिलने के कारण दो जगह पर चावल का वितरण किया गया था। वैसे हम गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखते है। चावल स्कूल से मिले थे। –रुघाराम मीणा, सीडीपीओ, पाली
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