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#HamariMalala: पढ़े : सांसी बस्ती की रोशनी आखिर कैसे बनी पाली की मलाला

locationपालीPublished: Jul 12, 2018 03:46:43 pm

Submitted by:

rajendra denok

– कचरा बीनने वाले 350 बच्चों को जोड़ा शिक्षा से- आज भी छुट्टी के दिन बस्ती में घर-घर जाकर लोगों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए करती है प्रेरित

pali news

पाली।सांसी बस्ती के बच्चों को पढ़ाती रोशनी सांसी।

ओम टेलर
पाली. नया गांव की सांसी बस्ती, जिसका नाम सुनते ही जहन में एक ही बात आती है कि यह वह बस्ती है, जहां सिर्फ हथकढ़ी शराब बनती है। बच्चे कचरा बीनने का काम करते हैं या ***** पॉलिश। लेकिन अब बस्ती में बदलाव की बयार चल रही है। मोहल्ले की रोशनीदेवी सांसी ने बच्चों के हाथ में कचरे के थैले की जगह स्कूल बैग थमाने का जिम्मा उठाया। एक एनजीओ से जुडक़र बस्ती के बच्चों को नवजीवन योजना के तहत स्कूलों से जोड़ा। आज बस्ती के सैकड़ों बच्चे शहर के निजी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसका काफी कुछ श्रेय रोशनी को जाता है। यानि रोशनी को पाली की मलाला युसुफजाई कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
रोशनी देवी ने बताया कि उसके परिवार में पढ़ाई का नामो-निशान नहीं था। उसने जिद की तो परिजनों ने नया गांव की सरकारी स्कूल में सातवीं तक पढ़ा दिया। बाद में उसने भी स्कूल छोड़ दिया। कारण साफ था, मोहल्ले में अधिकांश बच्चे पढ़ाई से कोसों दूर थे। लेकिन, कुछ ही समय बाद उसे अहसास हुआ कि आगे बढऩे के लिए शिक्षा जरूरी है। इसी जिद ने उसके जीवन में बदलाव की नींव रख दी। वर्ष २०१२ में उसने दसवीं की परीक्षा ओपन से दी। साथ-साथ बस्ती के बच्चों को भी शिक्षा से जोडऩे की मन में ठानी। मोहल्ले के ही चीकूराम सांसी ने उसका साथ दिया। दोनों ने बस्ती के लोगों को शिक्षा के महत्व के बारे में बताया तथा उन्हें बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। उसका नतीजा यह हुआ कि नवजीवन योजना के तहत उन्होंने बस्ती के २०० से अधिक बच्चों को स्कूलों से जोड़ा। वर्तमान में करीब ३५० बच्चे नवजीवन योजना के तहत स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बच्चों को हिन्दी व अंग्रेजी के शब्द बोलते देख अब उनके परिजन भी काफी प्रसन्न हैं।
पढ़ाई करते-करते लग गई सरकारी नौकरी
रोशनी ने १०वीं उत्तीर्ण करने के बाद प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। वर्ष २०१३ में न्यायालय में चतुर्थ श्रेणी के पद उसका चयन हो गया। बेटी की सरकारी नौकरी लगने पर परिजनों के खुशी के आंसू छलके। वर्ष २०१६ में शादी होने के बाद भी रोशनी ने पढ़ाई जारी रखी। नौकरी के साथ वर्तमान में वह बी.ए. तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है तथा प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी भी कर रही है। ताकि सरकारी तंत्र में अच्छे पद पर जॉइन कर सके।
सभी बच्चे पढ़ें-लिखें और आगे बढें़
सांसी बस्ती के सभी बच्चे पढ़ाई करे। क्योंकि जीवन में आगे बढऩे के लिए शिक्षा जरूरी है। शिक्षित होंगे तो इनमें से कई बच्चे सरकारी नौकरी में जाएंगे और धीरे-धीरे बस्ती की कायाकल्प हो सकेगा।
रोशनीदेवी सांसी, सांसी बस्ती पाली
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