
Rajasthan News: लोकसभा चुनाव के बाद आचार संहिता खत्म हो गई है। अब क्षेत्र के किसानों को बांध व नहर की मरम्मत के लिए बजट की आवश्यकता है। देसूरी क्षेत्र में अधिकांश लोग खेतिहर किसान व मजदूर हैं। ऐसे में यहां बने 9 बांध उनके गुजरबसर करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन पर्याप्त बजट के अभाव में हर बार किसानों को समस्या झेलनी पड़ती है। पिछले साल आए बिपरजॉय तूफान से क्षेत्र के बांधों को काफी नुकसान हुआ। एक साल बीतने के बाद भी बांधों को हालत खराब है। बिपरजॉय तूफानी बारिश के कारण कस्बे के सेलीनाल बांध के ओवरफ्लो दीवार से नीचे बनी अतिरिक्त सुरक्षा दीवार व फ्लो क्षतिग्रस्त होने के कारण आगामी बारिश के दौरान ओवरफ्लो की मुख्य दीवार को खतरा हो सकता है। बांध की अतिरिक्त सेफ्टी वॉल गत वर्ष बिपरजॉय तूफान में तेज पानी के बहाव के चलते क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन बजट के अभाव में मरम्मत कार्य नहीं हो पाया।
सेलीनाल बांध का ओवरफ्लो का गेज 21 फीट है। जो अभयारण्य क्षेत्र से बहकर आने वाली नदियों के पानी से लबालब होता है। कई दिनों तक नदी चलने से यह बांध कई महीनों तक ओवरफ्लो चलता है। सेलीनाल बांध देसूरी कस्बे के मुख्य पेयजल स्रोत है। इस बांध से सिंचाई के लिए कमांड क्षेत्र में पानी भी दिया जाता है। इस बार जल वितरण कमेटी की बैठक में लिए निर्णय के अनुसार सिंचाई के लिए तीन पाण दी गई थी। जबकि पेयजल के लिए पानी रिजर्व रखा था।
बांध के ओवरफ्लो के नीचे बना फ्लो व अतिरिक्त सुरक्षा दीवार बिपरजॉय में क्षतिग्रस्त हो गई थी। सीमेंट व पत्थर उखड़कर बहकर चले गए, जिससे फ्लो में गढ्डे बन गए। ओवरफ्लो से नीचे बनी अतिरिक्त सुरक्षा दीवार में बड़े बडे छेद हो गए। ऐसे में आगामी बारिश से पहले मरम्मत किया जाना अति आवश्यक है। अन्यथा बारिश की सीजन में मुख्य सुरक्षा दीवार (ओटा) को खतरा हो सकता है।
सेलीनाल बांध क्षेत्र का प्रमुख बांध है। इससे पेयजल आपूर्ति व कमांड क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है। ओवरफ्लो के नीचे का फ्लो व उससे नीचे बनी अतिरिक्त सुरक्षा दीवार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। जो बांध के ओवरफ्लो के दौरान टूट कर मुख्य सुरक्षा दीवार के पास आ सकता है। जिससे बांध को खतरा को हो सकता है। सरकार को मरम्मत करवानी चाहिए।
Published on:
09 Jun 2024 01:47 pm
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