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ये है आज का श्रवणकुमार, मां को कंधे पर बिठा पांच सौ किलोमीटर का सफर तय कर ले जा रहा रामदेवरा

locationपालीPublished: Sep 02, 2018 11:40:57 am

Submitted by:

Nidhi Mishra

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son carrying mother on shoulder on Ramdevra pilgrim journey

son carrying mother on shoulder on Ramdevra pilgrim journey

निमाज /पाली। आधुनिक युग मे जहां रिश्ते तार-तार हो रहे हैं। ऐसे युग में कुछ लोग अपनी श्रद्धा एवं भक्ति से यह साबित करते हैं कि युग कोई भी क्यों न हो, हृदय में भाव हो तो कलयुग में भी सतयुग को साकार किया जा सकता है। आधुनिक युग में श्रवण जैसे बेटा भी है, जो तमाम सुख सुविधा होने के बाद भी मां को कंधे पर बिठाकर यात्रा करा रहा है। ऐसा ही नजारा राष्ट्रीय राजमार्ग 112 पर पाली जिले के निमाज कस्बे में देखने को मिला।
पांच सौ किलोमीटर का है सफर
हम बात कर रहे हैं भीलवाड़ा जिले की आसीन्द तहसील के शम्भूगढ़ गांव के निवासी दिनेशकुमार मारू की, जो अहमदाबाद में अध्ययनरत रहने के बावजूद अपनी मां को कंधे पर बिठाकर अपने गांव से करीबन पांच सौ किलोमीटर दूर जन-जन के आराध्य देवता रामसा पीर के दर्शनार्थ रामदेवरा ले जा रहा है। जत्थे में करीबन 18 सदस्य हैं।

कस्बे में पहुंचने पर किया गया स्वागत
दिनेशकुमार के शनिवार दोपहर बाद निमाज क्षेत्र में पहुंचने पर राष्ट्रीय राजमार्ग 112 पर जयनारायण व्यास कृषि फार्म पर चल रहे भंडारे पर पूर्व सरपंच भगवतीसिंह उदावत व शांता देवी व्यास की अगुवाई में प्रहलाद सिंह, गौतम माली, बंशीलाल कुमावत, नंदूसिंह, मोहनलाल सोनी, गणपतलाल माली ने माँ-बेटे व जत्थे का साफा, माला व शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। इस दौरान पांडाल बाबा के जैकारों से गूंज उठा।

बाबा करेगा सफर आसान
21 वर्षीय दिनेश अपनी मां रामूदेवी को अपने कंधों पर बिठाकर बुधवार को परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रवाना हुआ था। डेढ़ सौ किलोमीटर का रास्ता तय कर निमाज पहुंचा। यहां कुछ देर विश्राम के बाद ग्रामीणों ने ढोल धमाकों के साथ माल्यार्पण कर जत्थे को बाबा के जयकारों के साथ रवाना किया। पत्रिका टीवी से बातचीत के दौरान दिनेश की बहन प्रियंका ने बताया कि शम्भूगढ़ से चार दिनों पहले रवाना हुए थे। भाई पढ़ाई करता है। भाई अपनी मां को खुशी से अपने कंधों पर बिठाकर बाबा के दर्शन करवाने ले जा रहा है। बातचीत के दौरान दिनेश की मां रामूदेवी ने बताया कि रामदेवरा बाबा के दर्शन के लिए जा रही हूं। बेटा खुशी से ले जा रहा है। यह कहते-कहते उसकी आँखें भर आईं। दिनेश ने कहा कि रामदेवरा मेरा इष्ट है। मां को कंधों पर बिठाकर बाबा के दर्शन कराने के लिए रामदेवरा ले जा रहा हूं। बाबा ही सफर आसान करेगा।

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