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पाली। शिक्षा विभाग के विभागीय ढांचे में बदलाव के बाद से सारी व्यवस्था चरमरा गई है। इसका एक कारण अधिकारियों व कार्मिकों की लापरवाही भी है। लापरवाही का आलम यह है कि विभाग की ओर से जिले के दो स्कूलों को क्रमोन्नत करने के आदेश एक माह देरी से दिए गए। अब बीकानेर से आइडी नहीं बनने का कहकर इन स्कूल के शिक्षकों को पिछले दो माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। इधर, रविवार से पंचपर्व का आगाज हो रहा है और इन दो स्कूल के 20 शिक्षकों की जेब खाली है। जिससे वे दीपावली की खरीदारी तक नहीं कर पा रहे हैं। उनको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। कार्यालय निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर की ओर से राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय इन्द्रा नगर व राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जाखोड़ा स्कूल को 27 अगस्त को क्रमोन्नत करने के आदेश जारी किए गए। यह आदेश जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से एक माह बाद स्कूलों को दिए गए। वह भी शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के जिला शिक्षा अधिकारी को बताने पर। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का आरोप है कि यह आदेश तो अक्टूबर में दिए गए, लेकिन इस पर तारीख नवम्बर की लगाई गई।
शिक्षक संघ यह बता रहे कारण
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के अनुसार स्कूलों को उच्च प्राथमिक से माध्यमिक में क्रमोन्नत करने पर अधिशेष कार्मिकों की काउंसलिंग कराने को कहा है। जो किया नहीं किया गया है। इधर, स्कूलों को शाला दर्शन पार्टल से हटा दिया गया है, लेकिन शाला दर्पण पर अपलोड नहीं किया गया है। ऐसे में शिक्षक अधिशेष व समायोजित नहीं दिख रहे है और वेतन नहीं बन रहा है।
बच्चों के भविष्य पर भी संकट
इन दोनों स्कूलों का आइडी जनरेट नहीं होने के कारण कक्षा पांचवी व आठवीं के विद्यार्थियों के भविष्य पर भी संकट गहरा गया है। इन दोनों कक्षाओं के आवेदन की अंतिम तिथि 13 नवम्बर है। ऐसे में आइडी जनरेट नहीं होने पर विद्यार्थियों के परीक्षा आवेदन नहीं भरे जा सकेंगे और बच्चे परीक्ष से वंचित रह सकते हैं।
हमने इसके लिए एनआइटी को इन स्कूलों को पोर्टल पर क्रमोन्नत बताने के लिए जयपुर लिखा है। अभी यह स्कूल शाला दर्शन पर है। इनका शाला दर्पण पर आने पर कुछ शिक्षकों का समायोजन हो जाएगा। यह कार्य जल्द करवा देंगे। -विनोदकुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, मुख्यालय, पाली
आचार संहिता के पहले का मामला
स्कूल के क्रमोन्नत होने का मामला आचार संहिता के पहले का है। इसमें तो स्कूलों में आदेश देरी से दिए। इसके बाद शाला दर्पण पर स्कूलों को अपलोड नहीं किया है। जिस कारण शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। -अमरजीतसिंह राठौड़, प्रदेश उपाध्यक्ष, रास्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय
Published on:
06 Nov 2018 12:52 pm
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