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चिलचिलाती धूप में जलने लगा बदन, कूलर-पंखे हुए फैल

locationपालीPublished: Apr 27, 2019 07:18:55 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

www.patrika.com/rajasthan-news

The effect of increased heat in pali

चिलचिलाती धूप में जलने लगा बदन, कूलर-पंखे हुए फैल, सडक़ों पर पसरा सन्नाटा

– एक डिग्री उछाल के साथ पहुंचा पारा 43 डिग्री सेल्सियस पर – न्यूनतम तापमान 27 डिग्री पर रहा स्थित

पाली। चिलचिलाती धूप के कारण शनिवार को दोपहर में घरों से निकले लोगों का बदन जल गया। भीषण गर्मी और तेज धूप के कारण कपड़े से मुंह ढकने के बावजूद चेहरे और जूते पहनने के बावजूद पैरों में जलन का अहसास हुआ। तापमापी में पारा अधिकतम 43 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा। जो एक दिन पहले के तापमान से एक डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। न्यूतनम तापमान में कोई अंतर नहीं आया और पारा 27 डिग्री पर बना रहा, लेकिन दिन में तेज गर्मी से तपी धरती और मकानों की दीवारें रात तक ठंडी नहीं हुई। इस कारण लोगों को देर रात तक कूलर व पंखे भी गर्मी से राहत नहीं दिला सके।
सूर्य के रश्मियां बिखेरते ही तपन
गर्मी का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि सूर्य के रश्मियां बिखेरते ही तपन का अहसास शुरू हो गया। लोग सुबह बिस्तर छोडऩे के बाद भी पंखा एक मिनट के लिए बंद नहीं कर सके। इसके बाद जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया पंखे की हवा गर्म होती गई और दोपहर में तो कूलर भी मुश्किल से राहत दे सके।
अब मेहमानों को नहीं पूछते चाय
गर्मी के कारण अब मेहमानों को चाय व कॉफी का पूछना भी मेजबानों ने छोड़ दिया है। मेहमान घर आने पर सीधे उनके लिए गुलाब या खस आदि का शर्बत बना दिया जाता है। मेहमान भी चाय के बजाय शीतल जल या शर्बत व नींबू पानी पिलाने का ही आग्रह करते हैं। जिससे गर्मी से राहत पा सके।
रात में निकलते हैं घूमने
जो लोग रात में देर तक प्रतिष्ठान बंद करते हैं और रात में देरी से घर जाने के कारण सुबह पांच-छह बजे नहीं उठ पाते। उन्होंने गर्मी के कारण सुबह वॉकिंग पर जाना बंद कर दिया है। वे लोग अब रात में दस-ग्यारह बजे घर पहुंच भोजन करते हैं। इसके बाद परिजन या मित्रों के साथ वॉक पर निकलते हैं।
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