सूर्य के रश्मियां बिखेरते ही तपन
गर्मी का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि सूर्य के रश्मियां बिखेरते ही तपन का अहसास शुरू हो गया। लोग सुबह बिस्तर छोडऩे के बाद भी पंखा एक मिनट के लिए बंद नहीं कर सके। इसके बाद जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया पंखे की हवा गर्म होती गई और दोपहर में तो कूलर भी मुश्किल से राहत दे सके।
गर्मी का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि सूर्य के रश्मियां बिखेरते ही तपन का अहसास शुरू हो गया। लोग सुबह बिस्तर छोडऩे के बाद भी पंखा एक मिनट के लिए बंद नहीं कर सके। इसके बाद जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया पंखे की हवा गर्म होती गई और दोपहर में तो कूलर भी मुश्किल से राहत दे सके।
अब मेहमानों को नहीं पूछते चाय
गर्मी के कारण अब मेहमानों को चाय व कॉफी का पूछना भी मेजबानों ने छोड़ दिया है। मेहमान घर आने पर सीधे उनके लिए गुलाब या खस आदि का शर्बत बना दिया जाता है। मेहमान भी चाय के बजाय शीतल जल या शर्बत व नींबू पानी पिलाने का ही आग्रह करते हैं। जिससे गर्मी से राहत पा सके।
गर्मी के कारण अब मेहमानों को चाय व कॉफी का पूछना भी मेजबानों ने छोड़ दिया है। मेहमान घर आने पर सीधे उनके लिए गुलाब या खस आदि का शर्बत बना दिया जाता है। मेहमान भी चाय के बजाय शीतल जल या शर्बत व नींबू पानी पिलाने का ही आग्रह करते हैं। जिससे गर्मी से राहत पा सके।
रात में निकलते हैं घूमने
जो लोग रात में देर तक प्रतिष्ठान बंद करते हैं और रात में देरी से घर जाने के कारण सुबह पांच-छह बजे नहीं उठ पाते। उन्होंने गर्मी के कारण सुबह वॉकिंग पर जाना बंद कर दिया है। वे लोग अब रात में दस-ग्यारह बजे घर पहुंच भोजन करते हैं। इसके बाद परिजन या मित्रों के साथ वॉक पर निकलते हैं।
जो लोग रात में देर तक प्रतिष्ठान बंद करते हैं और रात में देरी से घर जाने के कारण सुबह पांच-छह बजे नहीं उठ पाते। उन्होंने गर्मी के कारण सुबह वॉकिंग पर जाना बंद कर दिया है। वे लोग अब रात में दस-ग्यारह बजे घर पहुंच भोजन करते हैं। इसके बाद परिजन या मित्रों के साथ वॉक पर निकलते हैं।