परिवार सोता रहा ओर चोर ले गए नकदी-गहने
पाली शहर के बजरंगबाड़ी क्षेत्र की घटना

ओम टेलर
पाली. शहर में चोरों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण रविवार को कोतवाली थाना क्षेत्र के बजरंगवाड़ी क्षेत्र में सामने आया है। रविवार रात को चोरों ने तीन मकानों में वारदात को अंजाम दिया। चोर जिस समय वारदात को अंजाम दे रहे थे। उस समय तीनों घरों के लोग घर में ही सो रहे थे। जानकारी अनुसार बजरंगवाड़ी स्थित नाकोड़ा नगर में रविवार रात को उम्मेद खान, दिलदार खान व सुल्तान खान के घर में चोरी हुई। चोरों ने तीनों मकानों से ५ मोबाइल व १२ हजार रुपए चोरी कर लिए। इस मामले में पीडि़त परिवार कोतवाली थाने गया था। लेकिन, देर रात तक इस घटना को लेकर कोई भी मामला दर्ज नहीं करवाया गया।
मुंडारा में छत से गुजरती मौत, चपेट में आया एक और व्यक्ति
३३ केवी हाइटेंशन लाइन से हो रहे हादसे
सादड़ी . मुंडारा में घरों की छत से कुछ के ऊपर से गुजर रही ३३केवी हाइटेंशन लाइन के सम्पर्क में आने से सोमवार को एक और व्यक्ति झुलस गया। उसे गंभीर अवस्था में उदयपुर रैफर किया गया है। ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी इसी लाइन की चपेट में आने से एक व्यक्ति झुलस गया था। लेकिन, डिस्कॉम के जिम्मेदार अधिकारी है कि इस ओर ध्यान देना ही मुनासिब नहीं समझ रहे। बाली से सादड़ी की ओर आने वाली ३३केवी विद्युत लाइन मुण्डारा बस स्टैण्ड स्थित कई आवासीय मकानों के ऊपर से गुजर रही है। सोमवार को दीपाराम पुत्र मोतीलाल रावल ब्राह्मण (४९) अपने आवासीय मकान की छत पर लगाई चिप्स को देखने गया। छत्त पर तराई के लिए पानी भरा हुआ था। इस दौरान ऊपर से गुजर रही हाइटेंशन लाइन में प्रवाहित करंट से अर्थ बनते ही सिर से प्रवेशित करंट में दीपाराम रावल बुरी तरह झुलस गया। बिजली बंद कराने पर गिरधारीलाल मेवाड़ा, प्रवीण वैष्णव, ओटाराम, नरेश चन्देल, भरत रावल, कैलाश रावल, कमलेश, इन्दर मालवीय सहित ग्रामीण घायल को सादड़ी सीएचसी लेकर पहुंचे। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे उदयपुर रैफर किया गया। इधर, सूचना पर पुलिस भी पहुंची। परिजनों ने मामले में रिपोर्ट भी दी है।
पहले भी झेल
चुके हैं दर्द
मुण्डारा ऊर्जा राज्य मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में ही आता है। इससे पहले भी यहां हादसा हो चुका है। पहले इसी मकान पर काम करते समय मुण्डारा निवासी गणेशराम मेघवाल झुलस गया था। अब मकान मालिक खुद करंट की चपेट में आ गया।जबकि, ग्रामीण कई बार इस लाइन को हटवाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक इस लाइन को नहीं हटवाया गया है। एेसे में इससे ग्रामीणों को हर पल हादसे का अंदेशा सताता रहता है।
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