
पन्ना. टाइगर रिजर्व में बढ़ती गिद्धों की संख्या को भुनाने के लिए प्रबंधन गिद्धों के कुछ आवासों को भी पर्यटकों के लिए खोलेगा। इससे पर्यटक बाघों ओर तेंदुओं के साथ गिद्धों का भी दीदार कर सकेंगे। यहां गिद्धों के रहवास, उनके प्रवास मार्ग पर रिसर्च भी जारी है। इसके लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून के सहयोग से 25 गिद्धों की पीठ पर रेडियो ट्रैंगिंग डिवाइस बांधी जा रही है। यह अपनी तरह का देश का पहला रिसर्च है।
डिप्टी डायरेक्टर विजयानन्थम आरटी ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व का वल्चर प्वॉइंट धुधुआ सेहा पहले ही पर्यटकों के लिए खुला है। यहां करीब 200 गिद्ध देखने को मिल जाते हैं। मानसून सीजन में कोर में पर्यटन बंद होने से यह फिलहाल बंद है, लेकिन कोर में पर्यटन शुरू होने के साथ ही यहां वल्चर प्वाइंट से पर्यटक वल्चर को देखने का आनंद उठा सकेंगे।
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गिद्धों की 7 प्रजातियां
देश में गिद्धों की नौ प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से 7 प्रजातियों के गिद्ध पन्ना टाइगर रिजर्व में हैं। चार प्रजातियां स्थानीय हैं, 3 प्रवासी हैं। उत्तर वन मंडल में 12 आवासों में 7 अवयस्क व 431 वयस्क सहित 438 गिद्ध हैं। देवेंद्र नगर व विश्राम गंज रेंज में सबसे अधिक गिद्ध हैं। दक्षिण वन मंडल में 9 आवासों में 62 अवयस्क और 552 वयस्क सहित 614 गिद्धों को गिना गया था।
पन्ना में 722 गिद्ध
फरवरी में हुई गणना में पन्ना टाइगर रिजर्व में प्रदेश के सबसे अधिक 722 गिद्ध पाए गए हैं। रिजर्व के 68 वल्चर प्वॉइंटों में गिद्वों की गणना की गई थी। गिद्धों की यह संख्या अन्य टाइगर रिजर्व व वन मंडलों में सबसे अधिक है। पिछली गणना के मुकाबले गिद्धों की संख्या बढ़ी है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन टाइगर रिजर्व के कुछ वल्चर प्वाइंटों को पर्यटकों के लिए खोलने जा रहा है।
Published on:
20 Aug 2021 10:17 am
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