
पटना में आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे साइट पर विरोध करते किसान (फोटो-पत्रिका)
पटना जिले के दीदारगंज थाना क्षेत्र के पूनाडीह पंचायत के खासपुर गांव में शुक्रवार को आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को लेकर जबरदस्त तनाव फैल गया। भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे इस सिक्स-लेन एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण का मुद्दा एक बार फिर भड़क उठा, जब किसानों ने बिना उचित मुआवजे के निर्माण शुरू करवाने का विरोध किया। प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की मौजूदगी में जैसे ही निर्माण एजेंसी ने साइट पर बुलडोजर और JCB मशीनें उतारीं, किसानों में आक्रोश फैल गया और वे खेतों में जमा होकर विरोध करने लगे।
किसानों का आरोप है कि प्रशासन बिना पहले से बताए और बिना मुआवजा दिए उनकी फसलों और जमीन पर बुलडोजर चला रहा है। किसानों का कहना है कि वे सड़क बनाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें 2013 के लैंड एक्विजिशन एक्ट के तहत कानूनी मुआवजा मिलना चाहिए।
किसान देव कुमार ने कहा, "यह सड़क भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रही है। हम सड़क का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपने हक की बात कर रहे हैं। तीन-चार साल से अधिकारी हमें गुमराह कर रहे हैं। कानून में MVR के आधार पर मुआवजा देने का नियम है, लेकिन यहां पुलिस का इस्तेमाल करके जमीन पर बुलडोजर चलवाया जा रहा है।" किसानों का कहना है कि अधिकारियों को बार-बार क्लॉज 26 से 30 का पालन करने के लिए कहा गया, फिर भी उन्होंने निर्देशों को नजरअंदाज किया और जबरदस्ती काम शुरू कर दिया।
किसानों के विरोध को देखते हुए प्रशासन ने बलपूर्वक कार्रवाई की। पुलिस ने खेतों में बैठे किसानों को ज़ोर-जबरदस्ती हटाया और विरोध में नारेबाज़ी कर रहे दो-तीन किसानों को हिरासत में लेकर थाने भेज दिया। किसानों का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह एकतरफा थी और उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
एक किसान ने बताया, “NHAI का एक भी अधिकारी हमसे बात करने नहीं आया। बिना नोटिस के बुलडोज़र भेज दिया गया। हमारी तैयार फसलों को बर्बाद कर दिया गया। बोलने भर से पुलिस हमें थाने ले जा रही है, ये कैसा न्याय है?”
किसानों को हटाने के तुरंत बाद निर्माण एजेंसी ने तेजी दिखाते हुए एक साथ आठ JCB मशीनें साइट पर तैनात कर दीं और जमीन समतल करने का काम तेज़ी से शुरू कर दिया। इससे किसानों में और रोष फैल गया, क्योंकि उनके अनुसार यह कदम स्पष्ट रूप से बलपूर्वक भूमि अधिग्रहण जैसा है।
मौके पर मौजूद एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने किसानों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य डीएम के निर्देश पर हो रहा है और कुछ असामाजिक तत्व किसानों को बहका रहे हैं ताकि काम बाधित हो सके। मजिस्ट्रेट ने कहा कि मुआवज़ा का मुद्दा कमिश्नर के पास विचाराधीन है। प्रक्रिया अनुसार किसानों को उनका हक मिलेगा। जमीन की कीमत कमेटी तय करती है, न कि विरोध करने वाले लोग। उन्होंने यह भी कहा
Published on:
12 Dec 2025 05:28 pm
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