
betting Apps । फाइल फोटो-(Raina)
पलामू पुलिस ने दुबई में चल रहे 40 हज़ार करोड़ के बेटिंग रैकेट को पकड़ा है। पकड़े गए सात में से चार लोग बिहार के हैं। इस गिरोह का मास्टरमाइंड भी बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क ‘खेलोयार साइट’ के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये का रोज़ाना ट्रांज़ैक्शन करता था। महादेव बेटिंग ऐप की तर्ज़ पर संचालित यह एक विशाल ऑनलाइन बेटिंग नेटवर्क है।
पलामू पुलिस ने हुसैनाबाद में छापेमारी कर सातों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, इस नेटवर्क का संचालन छत्तीसगढ़ के भिलाई से और सर्वर का दुबई से हो रहा था। कुछ दिन पहले हुसैनाबाद में संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलने पर की गई कार्रवाई में सभी युवकों को पकड़ा गया और पूछताछ में ‘खेलोयार साइट’ का कनेक्शन सामने आया।
पलामू में पकड़े गए आरोपियों के अनुसार, यहाँ से प्रतिदिन 5 से 7 लाख रुपये तक का ट्रांज़ेक्शन किया जाता था। इस नेटवर्क से 5 से 6 हज़ार सदस्य जुड़े हुए थे। इसी नेटवर्क की अन्य फ्रेंचाइज़ी 50 से 60 लाख रुपये तक का रोज़ाना ट्रांज़ेक्शन करती हैं। नेटवर्क का मास्टरमाइंड बिहार के औरंगाबाद का राजन कुमार सिंह और छत्तीसगढ़ के भिलाई का शेल्वी उर्फ मनीष है। मनीष अभी फरार है। पुलिस उसको गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है।
पलामू पुलिस को कुछ दिन पहले हजारीबाग पुलिस ने इस सूचना को साझा किया था। हजारीबाग पुलिस ने बताया था कि कुछ संदिग्ध लोग म्यूल अकाउंट खुलवाने की कोशिश कर रहे हैं। इस सूचना के बाद पलामू पुलिस ने पूरे नेटवर्क पर निगरानी शुरू कर दी, जिसके परिणामस्वरूप यह नेटवर्क उजागर हुआ। नेटवर्क बड़े पैमाने पर म्यूल बैंक अकाउंट, क्रिप्टो वॉलेट और हवाला चैनल का उपयोग करता था। दुबई में बैठा प्रमोटर प्रत्येक फ्रेंचाइज़ी को ट्रांज़ेक्शन का 30 % कमीशन देता था।
फ्रेंचाइजी अपने संचालन के लिए 10 से 15 म्युल बैंक खातों का उपयोग करते हैं। इन खाते को सिर्फ एक महीने के लिए किराया पर लिया जाता है। एक महीना उपयोग करने के बाद उसे मूल खाते धारक को लौटा दिया जाता है।
पुलिस के अनुसार, मास्टरमाइंड शेल्वी उर्फ मनीष और राजन कुमार सिंह पहले पुणे तथा अन्य बड़े शहरों में कई बेटिंग ऐप से जुड़े हुए थे। इस दौरान उन्होंने वहीं पर प्रशिक्षण लिया और बाद में दुबई के प्रमोटर के साथ मिलकर अपना नेटवर्क स्थापित कर लिया। दोनों, ग्रामीण क्षेत्रों से नौकरी की तलाश में बाहर गए, कम पढ़े‑लिखे और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को फ्रेंचाइज़ी देते थे और फिर बेटिंग ऐप के माध्यम से साइबर फ्रॉड करवाते थे।
खेलोयार साइट के सभी सर्वर दुबई में स्थित हैं, लेकिन इसका नेटवर्क भारत के कई शहरों में फैला हुआ है। पुलिस के अनुसार, इसका अनुमानित अवैध कारोबार लगभग 40 हज़ार करोड़ रुपये तक पहुँच चुका है। ट्रांज़ेक्शन के लिए क्रिप्टोकरेंसी और हवाला का उपयोग किया जाता था, जिससे धन के प्रवाह का पता लगाना कठिन हो जाता है।
Published on:
04 Dec 2025 10:14 am
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