
पत्रिका फाइल फोटो
Bihar Bijli Bill: बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को नए वित्तीय वर्ष से बड़ा झटका लग सकता है। राज्य की बिजली वितरण कंपनियों ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग (BERC) के पास बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेज दिया है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो गया तो 1 अप्रैल 2026 से जिले-शहर-गांव हर जगह बिजली 35 पैसे प्रति यूनिट तक महंगी हो सकती है। इसका असर सीधे आम लोगों की जेब पर पड़ेगा, चाहे वह घरेलू उपभोक्ता हों, किसान हों या उद्योगपति।
बिजली कंपनियों ने घरेलू, ग्रामीण, गरीब, कृषि और औद्योगिक सभी श्रेणियों के लिए अनुदान रहित दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। अभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अनुदान रहित बिजली की दर 7.42 रुपये प्रति यूनिट है, जिसे बढ़ाकर 7.77 रुपये प्रति यूनिट करने का सुझाव दिया गया है। यानी सीधे 35 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी। यह बढ़ोतरी सिर्फ घरों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका असर किसानों के पटवन कनेक्शन, स्ट्रीट लाइट, सार्वजनिक पेयजल आपूर्ति और औद्योगिक कनेक्शन पर भी पड़ेगा।
किसानों के लिए पटवन की बिजली अभी 6.74 रुपये प्रति यूनिट में मिलती है, जिसे बढ़ाकर 7.09 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है। यानी खेती की लागत और बढ़ेगी, जिसका असर फसलों के दाम से लेकर आम जनता की थाली तक महसूस किया जाएगा।
बिजली कंपनियों ने शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दो स्लैब को एक करने का प्रस्ताव भी दिया है। इसके तहत 100 यूनिट से अधिक बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को 1.18 रुपये प्रति यूनिट तक थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि यह राहत तभी लागू होगी, जब आयोग पूरे प्रस्ताव को मंजूरी देगा।
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि बिजली कंपनी ने गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवनयापन करने वालों और सामान्य घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दर समान करने का भी प्रस्ताव रखा है। यानी अब गरीब परिवारों को मिलने वाली सस्ती बिजली की सुविधा खत्म हो सकती है।
बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने इस प्रस्ताव पर आम जनता से राय और सुझाव मांगे हैं। लोग अब ईमेल, रजिस्टर्ड पोस्ट और स्पीड पोस्ट के जरिए अपनी आपत्ति या सहमति दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा चार जगहों पर सार्वजनिक सुनवाई भी होगी। इन सुनवाइयों में आम लोग सीधे अधिकारी सामने अपनी बात रख सकेंगे।
आयोग की मंजूरी के बाद सरकार यह तय करेगी कि कितनी सब्सिडी दी जाए। उसी आधार पर उपभोक्ताओं का अंतिम बिजली बिल तैयार होगा। यानी यह अभी तय नहीं है कि उपभोक्ताओं पर पूरा बोझ पड़ेगा या सरकार कुछ राहत देगी।
अगर कोई परिवार महीने में 150 यूनिट बिजली इस्तेमाल करता है तो उसपर सीधा 50 से 55 रुपये तक अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। अगर 300 यूनिट इस्तेमाल करता है तो 100 रुपये से ज्यादा महीने का अतिरिक्त खर्च होगा। कुल मिलाकर यह बोझ साल भर में हजार रुपये से ऊपर पहुंच सकता है।
Published on:
07 Dec 2025 06:11 pm
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