
मां के शव को स्ट्रेचर पर घसीटता बेटा (फोटो- वीडियो ग्रैब )
Viral Video: बिहार के नवादा जिले से स्वास्थ्य व्यवस्था को शर्मसार कर देने वाली एक तस्वीर सामने आई है। अकबरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में 75 वर्षीय महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई, लेकिन इसके बाद जो हुआ उसने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए। मृतका को घर ले जाने के लिए परिजनों ने अस्पताल से एंबुलेंस की मांग की, लेकिन उन्हें साफ इनकार कर दिया गया।
मृत महिला अजाय साह की मां थीं, जिनकी तबीयत अचानक रविवार रात बिगड़ गई थी। परिवार उन्हें आनन-फानन में अकबरपुर PHC लेकर पहुंचा, जहां कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई। मां को अंतिम बार घर ले जाने के लिए बेटे ने जब एंबुलेंस मांगी तो जवाब मिला कि यहां शव के लिए एंबुलेंस की सुविधा नहीं है। मजबूरी में बेटा, पत्नी और अन्य परिजन स्ट्रेचर पर मां का शव रखकर करीब 2 किलोमीटर पैदल चलते हुए घर ले गए।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने स्ट्रेचर भी आसानी से नहीं दिया। उनसे कहा गया कि जब तक शव वापस नहीं लाया जाएगा, तब तक परिवार के दो सदस्य अस्पताल में गारंटर के रूप में रुकेंगे। बेटे की पत्नी और उसका बेटा अस्पताल में रुके रहे, जबकि वह अकेले मां के शव को लेकर गांव की ओर निकल पड़ा।
इस पूरी घटना का वीडियो किसी ग्रामीण ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया, जो कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कंबल में लिपटी लाश को स्ट्रेचर पर धकेलते हुए परिवार रात के सन्नाटे में रास्ता तय कर रहा है। परिवार के लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में एंबुलेंस मौजूद थी, इसके बावजूद स्टाफ ने शव ले जाने से मना कर दिया। परिजनों ने बहुत गुहार लगाई कि रात का वक्त है, निजी वाहन नहीं मिल रहा, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी।
मामला तूल पकड़ने के बाद नवादा के सिविल सर्जन डॉक्टर विनोद चौधरी ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि 102 एंबुलेंस सेवा सिर्फ जीवित मरीजों के ट्रांसपोर्ट के लिए होती है, शव ले जाने के लिए नहीं। शव वाहन सदर अस्पताल में उपलब्ध है। अगर प्रशासन को समय रहते सूचना दी जाती, तो शव वाहन भेजा जा सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि मृत महिला का घर अस्पताल के पास ही था, इसलिए परिजन अपनी मर्जी से स्ट्रेचर पर शव को लेकर गए।
Published on:
09 Dec 2025 08:02 am
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