
पटना में निशांत कुमार के लिए लगे पोस्टर
बिहार की राजनीति में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के भविष्य को लेकर बहस एक बार फिर तेज हो गई है। इस बहस के केंद्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार हैं। JDU के कुछ कार्यकर्ताओं ने तो निशांत को राजनीति में लाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल भी की थी, जिसके बाद अब पटना की सड़कों पर उनके समर्थन में और राजनीति में आने की अपील करने वाले पोस्टर लग गए हैं। इन पोस्टरों में खुले तौर पर निशांत कुमार से राजनीति में आने और जनता दल यूनाइटेड की अगली पीढ़ी का नेतृत्व करने की अपील की गई है।
कुछ दिन पहले, JDU कार्यकर्ताओं के एक ग्रुप ने पटना के गर्दनीबाग इलाके में 12 घंटे की भूख हड़ताल की थी। इस भूख हड़ताल का मकसद सिर्फ निशांत कुमार को पार्टी में आधिकारिक तौर पर शामिल करने की मांग करना था। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी के सदस्य लंबे समय से चाहते हैं कि निशांत कुमार आगे आकर नीतीश कुमार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएं।
भूख हड़ताल के तुरंत बाद, पटना में JDU ऑफिस के बाहर और शहर की मुख्य सड़कों पर पोस्टर लगाए गए। इनमें से एक पोस्टर पर लिखा है, “नववर्ष की नई सौगात… नीतीश सेवक, मांगे निशांत… चाचा जी की हाथों में सुरक्षित अपना बिहार। अब पार्टी के अगले जेनरेशन का भविष्य संवारें भाई निशांत कुमार।” ये पोस्टर JDU के छात्र विंग के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्ण पटेल ने लगाए हैं। इन पोस्टरों में नए साल और मकर संक्रांति की शुभकामनाओं को राजनीतिक संदेश के साथ चतुराई से जोड़ा गया है।
JDU के अंदर एक वर्ग का मानना है कि अब पार्टी को युवा नेतृत्व की ओर बढ़ना चाहिए। उनका तर्क है कि नीतीश कुमार ने लंबे समय तक बिहार का नेतृत्व किया है और अब पार्टी को एक ऐसे चेहरे की जरूरत है जो आने वाले दशकों तक संगठन का नेतृत्व कर सके। इस विचार के समर्थक निशांत कुमार को एक पढ़े-लिखे, शांत और साफ-सुथरी छवि वाला व्यक्ति बताते हैं जो JDU की राजनीति में नई ऊर्जा भर सकते हैं। उनका कहना है कि अगर निशांत कुमार राजनीति में आते हैं, तो इससे न सिर्फ संगठन मजबूत होगा, बल्कि JDU के युवा कार्यकर्ताओं में भी नया आत्मविश्वास आएगा।
ऐसी मांगें न सिर्फ जदयू के छात्र विंग से आ रही हैं, बल्कि पार्टी के दूसरे नेताओं से भी आ रही हैं। जदयू नेता सलीम परवेज के लगाए गए पोस्टरों में कहा गया है कि निशांत कुमार को पार्टी के हित में आगे आना चाहिए और नीतीश कुमार की विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए। इन पोस्टरों से यह साफ हो गया है कि निशांत कुमार की राजनीतिक एंट्री की मांग अब सिर्फ एक गुट तक सीमित नहीं है।
इन सब गतिविधियों के बावजूद, न तो नीतीश कुमार और न ही निशांत कुमार ने इस संबंध में कोई औपचारिक जवाब दिया है। हालांकि, पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि यह निशांत कुमार पर निर्भर करता है कि वह राजनीति में आना चाहते हैं या नहीं।
Published on:
31 Dec 2025 03:34 pm
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