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Bihar Politics: नीतीश कुमार को चुनाव हराने वाले नेता ने छोड़ा राजद, लालू यादव को पत्र लिखकर दिया इस्तीफा

Bihar Politics: राजद को एक और राजनीतिक झटका लगा है। बाढ़ लोकसभा सीट से कभी नीतीश कुमार को हराकर सांसद बने वरिष्ठ नेता विजय कृष्ण ने लालू यादव को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।

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पटना

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Anand Shekhar

Dec 10, 2025

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पूर्व सांसद और मंत्री विजय कृष्णा (फोटो-sansad.in)

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राजद में हलचल तेज है, इसी बीच अब पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। कभी बाढ़ लोकसभा सीट से नीतीश कुमार को शिकस्त देने वाले पूर्व सांसद और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विजय कृष्ण ने राष्ट्रीय जनता दल से अपना नाता तोड़ लिया है। उन्होंने लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है और सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है।

लालू यादव को लिखा भावुक पत्र

विजय कृष्ण ने अपने इस्तीफे में स्पष्ट लिखा है कि उन्होंने दलगत और सक्रिय राजनीति से अब पूरी तरह अलग होने का निर्णय ले लिया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि वे राष्ट्रीय जनता दल की प्राथमिक सदस्यता व सभी संगठनात्मक पदों से त्यागपत्र देते हैं और इसे स्वीकार करने का अनुरोध करते हैं। यह पत्र सीधे पार्टी सुप्रीमो लालू यादव को संबोधित किया गया है, जिससे साफ है कि उनका फैसला पूरी तरह सोच-समझकर लिया गया है।

बाढ़ सीट से नीतीश को हराकर बने थे सांसद

विजय कृष्ण का राजनीतिक कद उस समय खास तौर पर बढ़ा था, जब उन्होंने बाढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर नीतीश कुमार को हराया था। यह जीत उस दौर में बेहद अहम मानी गई थी, क्योंकि नीतीश उस समय बिहार की राजनीति के सबसे मजबूत चेहरों में से एक थे। सांसद बनने के बाद विजय कृष्ण बिहार सरकार में मंत्री भी रहे और सामाजिक न्याय की राजनीति में उनकी मजबूत पकड़ रही।

समाजवादी धारा के वरिष्ठ नेता रहे विजय कृष्ण

विजय कृष्ण को बिहार की समाजवादी राजनीति का अनुभवी नेता माना जाता रहा है। वे लंबे समय तक राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े रहे और लालू यादव के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते थे। संगठन में उनका अनुभव, जनसंपर्क और राजनीतिक समझ पार्टी के लिए अहम मानी जाती थी, खासकर बाढ़ और आसपास के इलाकों में।

चौथी बार में नीतीश कुमार को हराया चुनाव

विजय कृष्ण की पूरी राजनीतिक यात्रा नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की राजनीति के इर्द‑गिर्द घूमती रही है। 1990 के दशक की शुरुआत में वे नीतीश कुमार के क़रीबी सहयोगी थे, लेकिन नीतीश के समता पार्टी बनाने के बाद दोनों की राहें अलग हो गईं। इसके बाद विजय कृष्ण ने बाढ़ लोकसभा सीट को अपनी मुख्य राजनीतिक जमीन बनाया और वहीं से नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ कई चुनाव लड़े। 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनावों में उन्हें नीतीश कुमार से लगातार हार झेलनी पड़ी। उनका सबसे बड़ा राजनीतिक क्षण 2004 के आम चुनाव में आया, जब राजद उम्मीदवार के रूप में उन्होंने तत्कालीन रेलमंत्री नीतीश कुमार को बाढ़ से 37 हज़ार से ज़्यादा वोटों के अंतर से हराकर एक बड़ा उलटफेर कर दिया।

राजद से जदयू और फिर राजद

आगे चलकर विजय कृष्ण बार‑बार पार्टी बदलते भी रहे। वो 2009 में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाकर राजद छोड़कर जदयू में चले गए, तो 2010 में नीतीश कुमार पर झूठे वादों के आरोप लगाते हुए फिर राजद में लौट आए। बिहार सरकार में मंत्री रह चुके विजय कृष्ण पर 2009 में जदयू नेता सत्येंद्र सिंह की हत्या के मामले में उनके बेटे के साथ मुकदमा चला और 2013 में निचली अदालत ने उम्रकैद की सज़ा सुनाई, लेकिन मई 2022 में पटना हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया।