27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी के ये टीचर्स बने मिसाल, प्रदेश भर में लागू होगा इनका Education Innovation

Happy Teachers Day: राजधानी भोपाल समेत एमपी के खंडवा जिले के शिक्षकों ने बदली अपने स्टूडेंट्स की लाइफ, पढ़ाई के नये तरीके, नवाचार अपनाकर निभाया सच्चे शिक्षक का फर्ज, अब बने मिसाल...

2 min read
Google source verification
happy teachers day special story of innovatin new idea

happy teachers day: पत्रिका (फोटो: सोशल मीडिया)

Happy Teachers Day: राजधानी के शिक्षक धीरेंद्र तोमर ने रटाने की बजाय बच्चों को सिखाने पर जोर दिया। कठपुतलियों के इशारों से उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया तो पढ़ाई ही बदल गई। इससे बच्चों को कठिन विषय और चैप्टर आसानी से याद होने लगे। उन्हें रटने की जरूरत नहीं पड़ी। यह नवाचार सरकार को इतना पसंद आया कि इसे मॉडल के रूप में भोपाल समेत पूरे प्रदेश के स्कूलों में लागू कर दिया गया।

एनसीईआरटी की वेबसाइट पर पढ़ाई के तरीके

कठपुतली से संबंधित वीडियो को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने शिक्षा विभाग की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया है। तोमर को इनोवेशन के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अवॉर्ड मिल चुका है। ये तरीका पहली से आठवीं तक में शामिल है।

200 स्कूलों में लागू किया नवाचार

तोमर पढ़ाई में बच्चों का तनाव कम करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं। इसके लिए वे आनंद सभाएं चलाते हैं। गीत, कहानियों को कठपुतली के जरिए पढ़ाते हैं। इस विधि से गणित, विज्ञान, सामाजिक विषय व हिंदी आदि विषयों के पाठों को को सहज भाषा व इशारों में समझाते हैं। यह नवाचार प्रदेश के 200 से ज्यादा स्कूलों में लागू हो चुका है।

प्रदन्या का कमाल, स्टोरी ऑफ चेंज बुक में दर्ज हुई इनकी सफलता

शिक्षकों की पहल 'प्रदन्या' ने सरकारी स्कूल के 1000 बच्चों की किस्मत बदल दी। दो साल पहले जब 10वीं-12वीं का रिजल्ट 30% से नीचे चला गया, तक डीईओ पीएस सोलंकी ने 12 शिक्षकों की टीम बनाई। टीम ने 5 साल के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण कर 'प्रदन्या' (बुकलेट) तैयार की। नतीजा, पहले ही साल में 1000 से ज्यादा बच्चों के अंक 60त्न से बढ़कर 85-90त्न तक पहुंच गए। इस अभिनव पहल को केंद्र सरकार की 'स्टोरी ऑफ चेंज' पुस्तिका में जगह मिली है।

छुट्टी के दिन अतिरिक्त कक्षा से सफलता

- प्रदन्या में तय समय पर बच्चों को पढ़ाया।

- हर सप्ताह पढ़ने के लिए पेज तय किए। फिर परीक्षा ली।

- छुट्टी के दिन अतिरिक्त कक्षाएं लगीं। इसका वीडियो बनाया।

- ऑनलाइन और ऑफलाइन विशेष कक्षा लगाईं।

14.3% बढ़ा रिजल्ट, अब प्रदन्या-2 लागू

शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 10वीं और 12वीं बोर्ड में 27 स्कूलों का रिजल्ट 30% से भी कम था। 20 के रिजल्ट 50 और 47 स्कूलों के 50% से कम रहे। तब 100-100 पेज की बुकलेट से पढ़ाई कराई और एक वर्ष में परिणाम 60% से बढ़कर 83.3% और हायर सेकंडरी में 70% से 84.3% हो गया। 1000 बच्चों को 83.3% से 80% अंक मिले। अब प्रदन्या-2 लागू की है।