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Retirement Tips: खुशहाल रिटायरमेंट सिर्फ सपना न रहे… इसलिए समय पर लें ये सही फैसले

Retirement Planning: रिटायरमेंट की प्लानिंग करते समय महंगाई का जरूर ध्यान रखें। इसके अलावा, अपनी मंथली इनकम, एक्सपेक्टेड रिटर्न, लाइफ स्टाइल और टूरिज्म में होने वाले खर्चों का भी ध्यान रखें।

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भारत

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Pawan Jayaswal

Dec 16, 2025

Retirement Tips

रिटायरमेंट प्लानिंग करते समय कई चीजों का ध्यान रखना होता है। (PC: AI)

Retirement Tips: हर कोई चाहता है कि रिटायरमेंट के बाद जिंदगी आराम से गुजरे। लेकिन इसके लिए आपको स्मार्ट वित्तीय फैसले लेने होते हैं। रिटायरमेंट के बाद के खर्चों, सेविंग और इन्वेस्टमेंट का सही मैनेजमेंट होना जरूरी है। कई बार सीनियर सिटीजंस गलत जगह पैसा निवेश करके फंस जाते हैं या उनके पास पर्याप्त सेविंग्स नहीं रह पातीं। इन सब दिक्कतों से बचने के लिए आपको ये स्मार्ट फाइनेंशियल डिसीजंस लेने चाहिए।

पता हो स्पष्ट तस्वीर

आपको स्पष्ट रूप से पता होना चाहिए कि आपके पास कितने एसेट्स हैं और कितनी लायबिलिटीज यानी देनदारियां हैं। शेयर, म्यूचुअल फंड, बीमा पॉलिसीज और रियल एस्टेट समेत अपनी सभी फाइनेंशियल होल्डिंग्स को अच्छे से व्यवस्थित करें। पेंशन, रेंट और एन्युटीज जैसे सोर्सेस से होने वाली एक्सपेक्टेड इनकम का अनुमान लगाएं और इस जानकारी का उपयोग एक रियलिस्टिक रिटायरमेंट कैश फ्लो प्लान बनाने के लिए करें। आप किसी वित्तीय सलाहकार से भी परामर्श ले सकते हैं।

कहीं कम तो नहीं हो रही आपके निवेश की वैल्यू?

कई बार यह देखने में आता है कि रिटायरमेंट के बाद सीनियर सिटीजंस सारा पैसा सेफ इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस में डाल देते हैं। बहुत बार यहां रिटर्न महंगाई दर से भी कम होता है। ऐसे में समय के साथ आपके निवेश की वैल्यू कम होती जाती है। ऐसा न करें। हाई रिटर्न वाले निवेश विकल्पों को पूरी तरह नहीं त्यागें। रिटायरमेंट के बाद आपके पोर्टफोलियो का टार्गेट कम से कम टैक्स के बाद महंगाई दर के बराबर रिटर्न पाना तो होना ही चाहिए। इसके लिए आप अपने पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा इक्विटी जैसे लॉन्ग टर्म ग्रोथ एसेट्स में डाल सकते हैं, जिससे बैलेंस बना रहेगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार, सीनियर सिटीजंस पोर्टफोलियो का 25 से 40 फीसदी हिस्सा इक्विटी में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

इस तरह बनाएं कैश फ्लो प्लान

एक रिटायरमेंट कैश फ्लो प्लान में मौजूदा मासिक आय, महंगाई, एक्सपेक्टेड रिटर्न, लाइफ स्टाइल और टूरिज्म के लिए होने वाले खर्चों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। इससे वित्तीय सुरक्षा और सुखद जीवन दोनों के बीच बैलेंस बना रहेगा। प्लान बनाते समय परचेजिंग पावर को बनाए रखने के लिए हर साल कम से कम 5 फीसदी निकासी बढ़ाने पर विचार करें। इससे महंगाई का असर एडजस्ट हो जाएगा।

चिकित्सा खर्च और स्वास्थ्य बीमा

चिकित्सा खर्च अक्सर उम्र के साथ बढ़ते हैं। यदि आपके पास पहले से स्वास्थ्य बीमा नहीं है, तो खरीदने पर विचार करें। अगर एक फैमिली फ्लोटर प्लान बहुत महंगा है, तो अपने और अपने जीवनसाथी के लिए अलग-अलग प्लान पर विचार करें। स्ट्रांग सेटलमेंट रेश्यो वाले बीमाकर्ताओं को प्राथमिकता दें। कुछ मामलों में, स्वास्थ्य बीमा बहुत महंगा हो सकता है, जैसे कि पहले से मौजूद बीमारियों वाले 65 वर्षीय व्यक्ति के लिए। यदि प्रीमियम अधिक है और आपके पास संभावित खर्चों को कवर करने के लिए पर्याप्त संपत्ति है, तो बीमा खरीदने के बजाय अपने कॉर्पस के एक हिस्से को मेडिकल इमरजेंसी फंड के रूप में आवंटित करना अधिक व्यावहारिक हो सकता है। इसे आप लिक्विड या आर्बिट्रेज फंड में डाल सकते हैं। यहां आपको सालाना 6-7 फीसदी रिटर्न भी मिल जाएगा।

फ्रॉड से रहें सावधान

सीनियर सिटीजंस को फ्रॉड से सावधान रहना भी काफी जरूरी है। आजकल काफी डिजिटल धोखाधड़ी हो रही है। पर्सनल और फाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन मांगने वाले कॉल्स से सावधान रहें। 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी धोखाधड़ी के जाल में न आएं। किसी भी स्कीम में पैसा लगाने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें। असामान्य रूप से उच्च रिटर्न का दावा करने वाली स्कीम्स के लालच में न आएं। किसी के साथ ओटीपी, पासवर्ड और पैन नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी शेयर न करें। फर्जी लॉटरी स्कीम्स, फिशिंग कॉल्स और पोंजी स्कीम्स से बचें।