
शेयर बाजार में आज तेजी देखने को मिली है। (PC: Gemini)
भारत-यूएस ट्रेड डील पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की लेटेस्ट अपडेट ने शेयर बाजार में निवेशकों के सेंटीमेंट को काफी बढ़ा दिया है। पिछले महीनों में शेयर मार्केट की सुस्त परफॉर्मेंस की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी टैरिफ रहा है। अब ट्रंप ने कहा है कि भारत और अमेरिका ट्रेड डील पर बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रशासन ने भारत के साथ व्यापार वार्ता फिर से शुरू कर दी है और दोनों देशों को डील पूरी करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी को बहुत अच्छा दोस्त और महाने नेता भी बताया।
अमेरिका के इस बदले हुए रुख का असर शेयर बाजार पर भी देखा जा रहा है। बुधवार सुबह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 0.54 फीसदी या 437 अंक की बढ़त के साथ 81,540 पर ट्रेड करता दिखा। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.55 फीसदी या 136 अंक की बढ़त के साथ 25,006 पर ट्रेड करता दिखा। आईटी शेयरों में आज जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। निफ्टी आईटी 2.27 फीसदी की बढ़त लेकर ट्रेड करता दिखा। इसके अलावा, निफ्टी पीएसयू बैंक में 1.21 फीसदी और निफ्टी मिडस्मॉल आईटी एंड टेलीकॉम में 2.93 फीसदी की तेजी देखने को मिली।
ट्रंप के भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर दिए गए संकेतों ने दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की उम्मीदें फिर से जगा दी हैं। साथ ही उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही भारतीय निर्यात पर लगे 25% अतिरिक्त टैरिफ को समाप्त कर दिया जाएगा। यह टेक्सटाइल, जेम्स एंड जूलरी, सी-फूड और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रभावित सेक्टर्स के लिए एक बड़ी राहत होगी।
हालांकि, भारतीय शेयर बाजार में निर्णायक उछाल की उम्मीद करना जल्दबाजी हो सकती है, क्योंकि भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों के मोर्चे पर मिश्रित संकेत मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने मंगलवार को यूरोपीय संघ (EU) के अधिकारियों से चीन और भारत पर 100% तक टैरिफ लगाने का आग्रह किया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने का दबाव बनाने के लिए ऐसा करने को कहा गया है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि बाजार को ट्रंप के शब्दों पर नहीं, बल्कि उनके कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के बाद ट्रंप ने कुछ हद तक रक्षात्मक रुख अपनाया है। विजयकुमार का मानना है कि अतिरिक्त 25% टैरिफ लंबे समय तक नहीं रहेगा और शेष 25% टैरिफ का भारत पर कोई बड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है। विजयकुमार ने कहा कि आदर्श रूप से भारतीय सामानों पर अमेरिकी टैरिफ को घटाकर लगभग 20% कर देना चाहिए।
भारतीय शेयर बाजार के लिए सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर कंपनियों की आय में सुधार है। एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि जीएसटी दरों में कटौती, वैश्विक अनिश्चितताओं में कमी और घरेलू सुधारों के चलते दिसंबर तिमाही से आय में वृद्धि होगी। कंपनियों की आय में वृद्धि होगी तो यह शेयरों की हाई वैल्यूएशन को जस्टिफाई करेगी।
दिग्गज मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट में लिखा है कि भारतीय शेयर बाजार को सितंबर 2024 के रिकॉर्ड उच्च स्तर को स्थायी रूप से पार करने के लिए आय में मजबूती की आवश्यकता होगी। बग्गा ने लिखा, "ट्रंप का बदला हुआ रुख एक सकारात्मक संकेत है। व्यापार समझौते का आगे बढ़ना भारतीय बाजारों के लिए एक बहुत ही सकारात्मक खबर है, लेकिन हाई वैल्यूएशन को सही ठहराने के लिए अर्निंग ग्रोथ एक आवश्यक चीज है।"
उन्होंने आगे लिखा "भारतीय शेयर बाजार ने लगभग 12 महीने बिना किसी रिटर्न के बिताए हैं और इसमें बदलाव आने वाला है। लेकिन इसे एक स्थिर कदम बनाने के लिए आय में शुरुआती सुधार एक आवश्यक कारक है।"
Published on:
10 Sept 2025 11:11 am
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