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गोशाला में नवाचार: झुंझुनूं में फर्श पर नहीं, ‘गद्देनुमा मैट’ पर बैठेंगी गायें, जानिए क्या खास है काउ मैट्स में

राजस्थान के झुंझुनूं जिले की ऐतिहासिक गोपाल गोशाला में नवाचार के तहत 'काउ मैट्स' की व्यवस्था शुरू की गई है। यह झुंझुनूं जिले की पहली गोशाला होगी, जहां गायों को बैठने के लिए गद्देनुमा मैट उपलब्ध कराए जाएंगे।

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Jhunjhunu cows will sit on mats

Photo- Patrika

राजस्थान के झुंझुनूं जिले की ऐतिहासिक गोपाल गोशाला की गायें भी अब फर्श के बजाय विशेष मैट पर विश्राम करेंगी। गोशाला में नवाचार के तहत 'काउ मैट्स' की व्यवस्था शुरू की गई है। पहले चरण में ट्रायल के तौर पर 10 मैट मंगवाए गए हैं। जल्द ही दूध देने वाली लगभग 200 गायों के लिए यह व्यवस्था लागू की जाएगी। यह झुंझुनूं जिले की पहली गोशाला होगी, जहां गायों को बैठने के लिए गद्देनुमा मैट उपलब्ध कराए जाएंगे।

दूध दुहने के समय ही मिलेंगे मैट

मैट्स का उपयोग केवल दूध दुहने के समय सुबह तीन घंटे और शाम तीन घंटे किया जाएगा। शेष समय गायें परंपरागत मिट्टी के आंगन (कच्चे बाड़े) में रहेंगी। गोशाला प्रबंधन का कहना है कि पक्के फर्श के टूट-फूट से गायों को चोट पहुंचती है, वहीं मैट्स पर बैठना उनके लिए ज्यादा आरामदायक रहेगा। गोशाला के पशु चिकित्सक डॉ. व्योम चौमाल ने भी इसे गायों के लिए लाभकारी बताया।

इसलिए आया विचार

यह नवाचार मुंबई के उद्योगपति सुशील रामस्वरूप गाडिया की प्रेरणा से शुरू हुआ है। हाल ही में उनके झुंझुनूं प्रवास के दौरान उन्होंने फर्श पर बैठी गायों की स्थिति देखकर काउ मैट्स भिजवाने की घोषणा की थी। उधर गोशाला पदा​धिकारियों ने भी पंजाब व दिल्ली की गोशालाओं में गायों को मैट पर आराम करते हुए के वीडियो देखे। इसके बाद ही उन्होंने इसके लिए हामी भरी। इसके बाद मंगलवार को 10 मैट्स गोशाला में भेजे गए हैं।

गोबर व मूत्र से उत्पन्न गंदगी से बचाएंगे काउ मैट्स

गोशाला अध्यक्ष प्रमोद खंडेलिया और सचिव नेमीचंद अग्रवाल के अनुसार ये विशेष काउ मैट्स गायों को उनके ही गोबर व मूत्र से उत्पन्न गंदगी से बचाते हैं। साथ ही यह घुटनों के छिलने, थनों के कटने और खुरों की क्षति को भी रोकते हैं। इससे न केवल बीमारियों से बचाव होगा, बल्कि दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।

गोपाल गोशाला में पहले से हो चुके नवाचार

  • गाय-बछड़ों को नहलाने के लिए बड़ी गैलरी में दोनों ओर फव्वारे
  • पीने के लिए साधारण नहीं, फिल्टर पानी की व्यवस्था
  • गर्मी में एसी व कूलिंग सिस्टम, सर्दी में हीटर
  • इलाज के लिए इन-हाउस पशु चिकित्सालय
  • नेत्रहीन गायों के लिए अलग सुविधा

एक्सपर्ट व्यू

गायों के लिए मैट अत्यंत उपयोगी हैं। इससे उनके गिरने और घायल होने की आशंका कम होगी। फर्श की तुलना में मैट को अधिक स्वच्छ और कीटाणु मुक्त रखा जा सकता है। इससे थनेला व अन्य संक्रामक रोगों से भी बचाव संभव होगा।

  • डॉ. सुरेश सूरा, उपनिदेशक, पशुधन विकास विभाग, झुंझुनूं