
krishna Janmastami 2025: देशभर में आज 16 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जायेगा। हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पावन और श्रद्धा से परिपूर्ण पर्व है, जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। रायपुर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की एक अनोखी परंपरा है। जहां द्वापर युग की तरह बालकृष्ण का जन्म भी कारागार में होता है। रायपुर के कोतवाली थाने में जन्माष्टमी का पर्व कुछ इसी तरह मनाया जाता है। भगवान कृष्ण का जन्म थाने के लॉकअप में होता है। यह परंपरा पिछले कुछ सालों से चली आ रही है।
रायपुर के जैतूसाव मठ में भी एक अनोखी परंपरा आज भी कायम है। यहां हर साल प्रसाद के रूप में मालपुआ बनाया जाता है। इसे इस साल भी बनाया जा रहा है। जैतूसाव मठ में सिर्फ 2 मौके पर मालपुआ बनता है। मालपुआ बनाने की शुरुआत 1916 ईस्वी में महंत लक्ष्मी नारायण दास के समय से शुरू हुई थी। यहां सिर्फ साल में 2 बार कृष्ण जन्माष्टमी और रामनवमी के मौके पर ही मालपुआ बनता है। रायपुर का जैतूसाव मठ काफी प्राचीन है इसका निर्माण 1887 में हुआ था। शनिवार रात को भगवान को भोग आरती के बाद अगले दिन रविवार को मालपुआ का प्रसाद श्रद्धालुओं को बांटा जाएगा।
गुढ़ियारी के अवधपुरी मैदान परिसर में राजधानी की सबसे बड़ी दही हांडी प्रतियोगिता आयोजित करने की तैयारियां शुरू हो गई है। यहां सार्वजनिक दही हांडी उत्सव समिति का भव्य स्तर का आयोजन किया जाता है। 16 अगस्त को आधी रात भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनेगा और 17 अगस्त को दही हांडी की धूम रहेगी।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। टाटीबंध स्थित इस्कॉन टेंपल में 3 दिन तक जन्माष्टमी महोत्सव चल रहा है। जैतूसाव मठ में भगवान को भोग लगाने के लिए 1100 किलो मालपुआ तैयार किया गया है।
Updated on:
16 Aug 2025 12:36 pm
Published on:
16 Aug 2025 12:27 pm
बड़ी खबरें
View AllPatrika Special News
ट्रेंडिंग
