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Rajasthan Monsoon: मेहरबान हुआ मानसून तो पांचना बांध के साथ खिलखिलाया केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान

इस वर्ष करौली जिले का सबसे बड़ा पांचना बांध 9 जुलाई को ही लबालब हो गया। इस मानसून सीजन में कई बार लबालब हो चुके पांचना बांध ने विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में भी खुशियां फैलाई है।

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panchana dam

Photo- Patrika

Rajasthan Monsoon: राजस्थान के करौली जिले के सबसे बड़े पांचना बांध में इस बार भी खूब हिलोरें उठी हैं। इस मानसून सीजन में कई बार लबालब हो चुके पांचना बांध ने भरतपुर के विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान (घना) में भी खुशियां फैलाई है।

इस मानसून सीजन में पांचना बांध से अब तक बांध की कुल भराव क्षमता के मुकाबले दो गुना से अधिक पानी गंभीर नदी में छोड़ा जा चुका है। ऐसे में पांचना के पानी से घना भी लबालब हुआ है।

अब घना को पांचना के पानी की जरूरत नहीं है। घना के पक्षियों के लिए इस सर्दियों के सीजन के लिए पानी की पूर्ति हो गई है। घना के लिए 550 एमसीएफटी पानी की दरकार पूरी हो चुकी है।

9 जुलाई को ही लबालब हो गया पांचना बांध

मानसून सीजन में शुरूआती दौर से ही जिले में मेघों की खूब मेहरबानी रही है। इसके चलते इस वर्ष जिले का सबसे बड़ा पांचना बांध 9 जुलाई को ही लबालब हो गया और इसी दिन दो गेट खोलकर पानी निकासी करनी पड़ी थी।

इसके बाद पांचना बांध क्षेत्र और कैचमेंट एरिया में झमाझम बारिश के चलते बांध कई बार लबालब हो चुका है। ऐसे में अब तक बांध के गेटों को 6 बार खोला जा चुका है।

इस अवधि में बांध से कभी दो तो कभी चार गेटों को खोलकर गंभीर नदी में पानी छोड़ा गया है। इस सीजन में सर्वाधिक पानी की निकासी की मात्रा 26233 क्यूसेक तक पहुंची।

मंगलवार सुबह तक बांध से 5071 एमसीएफटी पानी की निकासी गंभीर नदी में की जा चुकी है, जो बांध की कुल भराव क्षमता 2100 एमसीएफटी के मुकाबले दोगुना से अधिक है।

यानि अभी तक पांचना से इतना पानी छोड़ा जा चुका है कि बांध की कुल भराव क्षमता के अनुसार दो बार से अधिक लबालब हो जाता। गौरतलब है कि गंभीर नदी के जरिए यह पानी भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान (घना) तक पहुंचा है।

19 वर्ष की अवधि में पांचना बांध से सर्वाधिक पानी की निकासी

9 जुलाई को बांध के दो गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू करनी पड़ी। 10 जुलाई को दोपहर बांध में पानी आवक थमने पर गेट बंद कर दिए, लेकिन इसी दिन रात करीब 9 बजे फिर बांध में पानी बढ़ गया, ऐसे में दो गेट खोलकर 11 जुलाई सुबह तक पानी गंभीर नदी में निकाला गया।

इसके बाद 13 जुलाई से बांध में पानी की आवक लगातार जारी रही, जिसके चलते बांध के गेट खोलकर लगातार गंभीर नदी में पानी की निकासी करनी पड़ी। पानी आवक कम होने पर 24 जुलाई को गेटों को बंद कर दिया।

26 जुलाई को बांध में फिर पानी बढ़ा तो शाम को फिर बांध के दो गेट खोले गए। 2 अगस्त को गेट बंद कर दिए, लेकिन 4 अगस्त को पानी बढऩे परदो गेटों से पानी निकासी शुरू की गई, जो 11 अगस्त को सुबह तक जारी रही। 22 अगस्त की रात पानी बढ़ने पर फिर दो गेट खोले गए।

23 अगस्त को सुबह पानी बढ़ा तो चार गेटों को खोला गया। गौरतलब है कि गत वर्ष भी करौली इलाके में झमाझम बारिश का दौर चला था। गत वर्ष 19 वर्ष की अवधि में पांचना बांध से सर्वाधिक पानी की निकासी करनी पड़ी थी। गत वर्ष पूरे मानसून सीजन में बांध से कुल 8182 एमसीएफटी पानी की निकासी की गई थी।

किस वर्ष कितना निकाला पानी

इस वर्ष कहां कितनी बारिश

करौली क्षेत्र में इस वर्ष अच्छी बारिश के चलते पांचना बांध में पानी की खूब आवक हुई। अधिक पानी आने पर अब तक बांध के 6 बार गेट खोलकर गंभीर नदी में पानी छोड़ा गया है। यह पानी भरतपुर के घना तक पहुंचा है, जिससे घना में भी पर्याप्त पानी पहुंच चुका है। बांध से अब तक 5071 एमसीएफटी पानी निकाला है, जो बांध की कुल भराव क्षमता से दोगुना से अधिक है।

सुशील कुमार गुप्ता, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन विभाग, करौली