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Navratri 2025: चलो बुलावा आया है…जयपुर में सजा माता वैष्णो देवी का दरबार, तस्वीरों में करें कटरा जैसा अनुभव

Jaipur: नवरात्र में सजा माता वैष्णो देवी का दरबार यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कटरा जैसा अनुभव करा रहा है। माता के गूंजते जयकारों से पूरा इलाका भक्तिमय हो रहा है।

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जयपुर

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Savita Vyas

Sep 26, 2025

नवरात्र महापर्व पर जयपुर स्थित राजापार्क के सूरज मैदान में माता वैष्णो देवी का दरबार सजा है। श्रद्धालुओं को यहां 20 फीट ऊंचे कृत्रिम पर्वत की गुफाओं से निकलता ठंडा पानी और बर्फबारी से यात्रा का साक्षात अनुभव मिल रहा है।

नवरात्र महापर्व पर जयपुर स्थित राजापार्क के सूरज मैदान में माता वैष्णो देवी का दरबार सजा है। श्रद्धालुओं को यहां 20 फीट ऊंचे कृत्रिम पर्वत की गुफाओं से निकलता ठंडा पानी और बर्फबारी से यात्रा का साक्षात अनुभव मिल रहा है।

मैदान में दरबार के साथ स्वचालित झांकियां और कन्या पूजन भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन रहा है। बाणगंगा, चरण पादुका, अर्धकुंवारी गुफा, हाथी मत्था और सांझी छत जैसे पड़ाव के बाद त्रिकूट पर्वत पर माता वैष्णो देवी का दरबार सजा है।

मैदान में दरबार के साथ स्वचालित झांकियां और कन्या पूजन भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन रहा है। बाणगंगा, चरण पादुका, अर्धकुंवारी गुफा, हाथी मत्था और सांझी छत जैसे पड़ाव के बाद त्रिकूट पर्वत पर माता वैष्णो देवी का दरबार सजा है।

आयोजन समिति अध्यक्ष राजेंद्र खंडेलवाल ने बताया कि जो लोग शारीरिक या आर्थिक कारणों से कटरा नहीं जा पाते, उनके लिए जयपुर में ही माता वैष्णो देवी की इस यात्रा का साक्षात अनुभव मिल रहा है।

आयोजन समिति अध्यक्ष राजेंद्र खंडेलवाल ने बताया कि जो लोग शारीरिक या आर्थिक कारणों से कटरा नहीं जा पाते, उनके लिए जयपुर में ही माता वैष्णो देवी की इस यात्रा का साक्षात अनुभव मिल रहा है।

24 से 26 सितंबर तक माता का दरबार सजाया गया है। इस दौरान श्रद्धालुओं को आसानी से माता के दर्शन हो सकें, इसके लिए विशेष बेरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है।

24 से 26 सितंबर तक माता का दरबार सजाया गया है। इस दौरान श्रद्धालुओं को आसानी से माता के दर्शन हो सकें, इसके लिए विशेष बेरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है।

इस बार 40 फीट ऊंचा कृत्रिम पर्वत तैयार करने की योजना थी, लेकिन प्रशासन से परमिशन नहीं मिलने पर 20 फीट ऊंचा कृत्रिम पर्वत तैयार किया गया है। दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए विशेष मार्ग से सीधे दर्शन कराने की व्यवस्था की गई है।

इस बार 40 फीट ऊंचा कृत्रिम पर्वत तैयार करने की योजना थी, लेकिन प्रशासन से परमिशन नहीं मिलने पर 20 फीट ऊंचा कृत्रिम पर्वत तैयार किया गया है। दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए विशेष मार्ग से सीधे दर्शन कराने की व्यवस्था की गई है।