
: छत्तीसगढ़ में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज महापर्व के चौथे और समापन के दिन व्रतियां सूर्योदय होने से पहले ही घाट और तालाबों में एकत्र हो गई हैं।

उगते सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की खुशहाली और समृद्धि की कामना कर रही हैं। इसके बाद छठी मैया की पूजा और प्रसाद वितरण के साथ ही छठ महापर्व का समापन हो जाएगा।

सूर्य देवता और छठी मैया के पूजन के लिए श्रद्धालुओं ने गन्ने और फल चढ़ाए और उत्तर भारत में प्रचलित खास व्यंजन ठेकुआ भी अर्पित किया।

आयोजन में शामिल होने बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक घाट में नजर आए। पूजन में शामिल होने और प्रसाद पाने सुबह से घाटों पर भक्तों का तांता लगा हुआ है।

पहले दिन खरना, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन सूर्य संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उगले सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। पहले दिन व्रती नदी में स्नान करके भात, कद्दू की सब्जी और सरसों का साग खाते हैं।

एफएम तड़का के आरजे नरेंद्र रायपुर के महादेव घाट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने छठ पूजा को लेकर छठ व्रती महिलाओँ से बातें की।

दूसरे दिन खरना होता है, जहां शाम को गुड़ की खीर बनाकर छठ मैय्या को भोग लगाया जाता है और पूरा परिवार प्रसाद ग्रहण करता है।

छठ पूजा खास तौर पर संतान की कामना और लंबी उम्र के लिए की जाती है। छठी मैया सूर्यदेव की बहन हैं और इस पर्व पर इन दोनों की ही पूजा अर्चना की जाती है।

बच्चे भी सुबह से महादेव घाट पर पहुंचे हुए थे।

तीसरे दिन छठ का पर्व मनाया जाता है जिसमें अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ के चौथे यानी अंतिम दिन सप्तमी तिथि को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पर्व का समापन होता है।