29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पीलीभीत धान खरीद में बड़ा घोटाला, फर्जीवाडे़ की खुली पोल, नहीं होगा जिले में खरीद का लक्ष्य पूरा

खेत, खलिहान और बागों में दिखा दिया धान 8 हज़ार पंजीकरण में 3800 किसानों के पंजीकरण निरस्त डिप्टी आरएमओ ने की कार्रवाई नहीं होगा धान खरीद का लक्ष्य पूरा

2 min read
Google source verification
rice

rice

पीलीभीत। जिले में हो रही सरकारी धान खरीद में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। धान का समर्थन मूल्य पाने के लिए लोगों ने जो पंजीकरण कराया था उसमें ही फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा धान का समर्थन मूल्य पाने के लिए खाद्यान्न माफियाओं ने कराया है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब अधिकारियों ने अपनी गर्दन बचाने को 3836 चिन्हित किसानों के पंजीकरण निरस्त कर दिए है। वहीं अधिकारी स्वीकार कर रहे है कि धान खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पायेगा।

यह हुआ फर्जीवाड़ा
फर्जीवाड़ा कुछ इस तरह हुआ कि किसी किसान ने तालाब में धान होना बताकर गाटा दिखा दिया, तो किसी ने खेत में खड़े गन्ने को धान दिखा कर, यही नहीं खलिहान और बागों में भी धान होना दर्शाया गया और लोगों ने पंजीकरण करा लिया कि वो धान किसान है। लेकिन जब राजस्व विभाग से इन किसानों का सत्यापान कराया तब यह फर्जीवाड़ा सामने आया और किसानों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। जिले में अबतक 3836 फर्जी गाटा समाप्त किए है जिनके पंजीकरण हो चुके थे।

शासन के आदेश पर खाद्यान्न माफियाओं पर कसा शिकंजा
शासन ने गन्ना और धान खरीद में बिचौलियों और माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया है। इसमें धान का समर्थन मूल्य पाने के लिए किसानों का पंजीकरण कराने के मानक रखे गए थे। अभी हाल ही में फर्जी गन्ना सट्टा में फर्जीवाड़ा सामने आया था तो अब धान के पंजीकरण में हुई घपलेबाजी की पोल खुल गई है। किसानों ने पंजीकरण के दौरान किए गए आवेदन में अपनी धान लगी जमीन के दस्तावेज लगाए थे और गाटा संख्या दर्ज की थी। इस आधार पर किसानों का क्रय केंद्रों पर आनलाइन धान बिक्री के लिए नाम दर्ज होना था। शासन के आदेश पर आवेदन करने वालों के जमीन से सम्बंधित दस्तावेजों की लेखपालों से जांच कराई गई तो आंकडे चौकाने वाले सामने आए जांच में किसानों के पंजीकरण आवेदन में किसी ने खलिहान और बाग में धान की खेती होना बताकर गाटा संख्या दर्ज कराया तो कहीं तालाबों और चकरोड़ पर धान होना बताकर गाटा संख्या दिखाई। मौके पर जब लेखपाल ने जाकर जांच की तो खेत की जगह खलिहान, बाग, तालाब और चकरोड़ मिला वहीं किसी ने धान उगाया ही नहीं था। इस तरह जिले में जांच के दौरान अब तक 3836 गाटा संख्या फर्जी मिले है जिन्हे निरस्त कर दिया गया है।

डिप्टी आरएमओ ने बताया
डिप्टी आरएमओ डा0 अविनाश कुमार झा ने बताया कि शासन के निर्देश पर लेखपालों के माध्यम से धान खरीद में पंजीकरण कराने किसानों का सत्यापन कराया गया था। करीब 8 हज़ार किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीकरण कराया था जिसमें 3836 किसानों ने फर्जीवाड़ा करते हुए ज़मीन पर धान दिखाया था। ऐसे में जब उनसे धान खरीद का लक्ष्य पूरा होने की बात पूछी गई तो बोले कि अभी तक 1400 टन धान खरीद हो चुकी है जबकि लक्ष्य 30880 टन है। उन्होंने स्वीकार किया है कि हमारा लक्ष्य पूरा होना काफी कठिन है हम प्रदेश में काफी पीछे चल रहे है। जिस तरह से पंजीकरण हुए है तो लक्ष्य पूरा करना मुश्किल है।