
नई दिल्ली। मोदी सरकार-2.0 के कार्यकाल के 50 दिन पूरे हो चुके हैं। इस अवसर पर सरकार ने अपना रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया है। आगामी पांच साल को लेकर सरकार का लक्ष्य है 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास'। मोदी सरकार सभी का सशक्तिकरण करना चाहती है। अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार योजनाबद्ध तरीके से लगातार काम कर रही है। साल 2020 तक सरकार ने देश में सौ नए कलस्टर स्थापित करने के लक्ष्य निर्धारित किए हैं।
मोदी सरकार ने परंपरागत उद्योगों के उन्नयन और पुनर्गठन के लिए वित्तपोषण कार्यक्रम (स्फूर्ति) के तहत 2019-20 में 100 नए क्लस्टर स्थापित करने का प्लान बनाया है। इनमें 50 हजार कामगार आर्थिक मूल्य श्रृंखला में शामिल हो सकेंगे।
मुद्रा ऋण के अंतर्गत प्रत्येक स्वयंसहायता समूह में एक महिला को 1 लाख रुपये तक के ऋण की अनुमति होगी।
वैध जन-धन खाता रखने वाले स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्य को 5 हजार रुपए तक ओवर ड्राफ्ट सुविधा दी जाएगी।
मोदी सरकार देश में व्यापार को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। इसके तहत 400 करोड़ रुपए तक वार्षिक कारोबार वाली कंपनियों के लिए कर की दर अब 25 प्रतिशत होगी।
पहले यब सुविधा 250 करोड़ रुपए तक कारोबार वाली कंपनियों को ही प्राप्त थी। इस प्रकार सभी 99.3 प्रतिशत कंपनियां इसके दायरे में आ जाएंगी।
बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान देने की कार्य योजना के साथ दीर्घावधि बॉन्ड्स के लिए बाजारों का विस्तार करने के लक्ष्य से वर्ष 2019-20 में ऋण गारंटी संवर्धन निगम (सीजीईसी) की स्थापना की जाएगी।
इसके साथ ही सभी जीएसटी–पंजीकृत सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमईज़) को नए और संवर्धित ऋणों पर ब्याज में 2 प्रतिशत सब्सिडी देने के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 में 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा मोदी सरकार अनेक श्रम कानूनों को तेजी से सुचारू रूप देने के लिए 4 श्रम कानूनों में समाहित करने के प्रयास करेगी।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को स्वयं का कारोबार शुरू करने के लिए प्रेरित करने के वास्ते स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम 2025 तक जारी रहेगा।
Updated on:
22 Jul 2019 12:57 pm
Published on:
22 Jul 2019 12:56 pm
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