बिहार के बाद असम में भाजपा को बड़ा झटका, एनडीए से अलग हुआ सहयोगी दल एजीपी
असम में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। सहयोगी दल एजीपी ने अचानक गठबंधन तोड़ लिया है।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी पार्टियां रणनीति बनाने में जुट गई हैं। लेकिन, भाजपा को लगातार झटका लग रहा है। हाल ही में बिहार में भाजपा को बड़ा झटका लगा, जब रालोसपा एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो गई। वहीं, अब असम से भी बुरी खबर सामने आ रही है। असम गण परिषद (एजीपी) ने एनडीए से अलग होने का ऐलान कर दिया है।
एनडीए से अलग हुआ एजीपी
सोमवार को पार्टी अध्यक्ष अतुल बोरा ने इसकी औपचारिक घोषणा की है। दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद अतुल बोरा ने भाजपा से गठबंधन खत्म करने का ऐलान किया। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि, दो पार्टी एनडीए से अलग हो चुके हैं।
सरकार पर कोई खतरा नहीं
जानकारी के मुताबिक, नागरिकता संसोधन विधेयक को लेकर एजीपी भाजपा से नाराज चल रही थी। एजीपी ने पहले भी भाजपा से इस विधेयक लेकर बात की थी, लेकिन सहमति नहीं बनी। एजीपी पहले ही कह चुकी है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 संसद में पारित हुआ तो वह राज्य में सत्ताधारी गठबंधन से बाहर हो जाएगी। हालांकि, एजीपी के अलग हो जाने के बाद राज्य की सर्वानंद सोनोवाल सरकार पर कोई खतरा नहीं है। गौरतलब है कि असम के वरिष्ठ मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि अगर नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित नहीं हुआ तो अगले पांच साल में राज्य के हिंदू अल्पसंख्यक बन जाएंगे। शर्मा ने कहा कि यह उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो चाहते हैं कि असम दूसरा कश्मीर बन जाये। यहां आपको यह भी बता दें कि एजीपी असम की भाजपा सरकार में सहयोगी है और इसके 14 विधायक हैं। हालांकि एजीपी से कोई सांसद नहीं है।
Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें (Hindi News App) Get all latest Political News in Hindi from Politics, Crime, Entertainment, Sports, Technology, Education, Health, Astrology and more News in Hindi