
बीजेपी नेता अरूण शौरी ने विपक्ष को बताया लोकसभा चुनाव में मोदी लहर से मुकाबले का फंडा
नई दिल्ली। अटल सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी ने मोदी सरकार की कमियां बताते हुए विपक्ष को इससे निपटने के तरीके बताए हैं। राजनीतिज्ञ के साथ-साथ लेखक, पत्रकार और अर्थशास्त्री रहे शौरी ने अपनी किताब 'अनीता गेट्स बेल’ में कहा कि लोकसभा चुनाव में मोदी को रोका जा सकता है लेकिन इसके लिए विपक्ष को छोटे-छोटे मतभेद दूर कर साथ आना पड़ेगा। अपनी किताब में उन्होंने देश के ऐसे कई समसामायिक मुद्दे भी उठाए हैं, जिन पर विवाद चल रहा है। एक इंटरव्यू में शौरी ने कर्नाटक चुनाव का भी जिक्र किया और कहा कि गठबंधन कोई भी अच्छा या बुरा नहीं होता। यह गठबंधन के नेताओं पर निर्भर करता है।
ये है शौरी का फॉर्मूला
उन्होंने कहा मोदी लहर को रोका जा सकता है। इतनी लोकप्रियता के बाद भी उन्हें सिर्फ 31 फीसदी ही वोट मिले हैं।
- छोटी-छोटी बातों को पीछे छोड़ विपक्ष को एकजुट रहना होगा।
- हर निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी के खिलाफ सिर्फ एक उम्मीदवार उतारा जाए। एक से ज्यादा उम्मीदवार उतारने का खामियाजा गुजरात और उत्तर प्रदेश में भुगतना पड़ा था।
- एक राज्य में वहां के क्षेत्रीय दल या नेता पर भरोसा करना होगा। सीटों का बंटवारा भी उन्हीं के भरोसे छोड़ना होगा। अन्यथा दो-तीन सीटों के लिए भी बिखराव होगा।
- विपक्ष के नेताओं को ऐसे बयानों से बचना चाहिए जिसमें एकजुटता खत्म होने के संकेत मिलते हैं। कर्नाटक का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मंत्रालय बंटने से पहले ही एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी होने लगी। फिर जनता क्यों भरोसा करेगी?
हर मोर्चे पर लगाई मोदी सरकार की क्लास
शौरी ने मोदी सरकार को कई मोर्चों पर निशाने पर लिया है। उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और विदेश नीति के मोर्चे पर भी सवालों की झड़ी लगा दी और कहा, 'मोदी सरकार आज उसी मोड़ पर है जहां मनमोहन सरकार थी लेकिन अब देश को विभाजित किया जा रहा है। इसके चलते देश की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में है। विदेश नीतियां भी पूरी तरह विफल रही हैं, लेकिन इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।
Published on:
28 May 2018 06:01 pm
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