
दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के बीच बनेगी अटल बिहार वाजपेयी की समाधि, केबिनेट की बैठक में फैसला
नई दिल्ली। पूर्वी पीएम एंव भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार शुक्रवार शाम चार बजे स्मृति वन में किया जाएगा। वाजपेयी के निधन की खबर मिलने के बाद से ही राजघाट के पास शांति वन में स्मृति स्थल में तैयारी शुरू हो गई थीं। वाजपेयी के अंतिम संस्कार के बाद यहीं पर उनकी समाधि बनाई जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की मीटिंग में फैसला लिया गया है कि वाजपेयी का समाधि स्थल पंडित जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री की समाधियों के बीच बनाया जाएगा। आपको बता दें कि इन दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों के समाधि स्थल शांति वन और विजय घाट पर बनी है।
स्मृति स्थल पर सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए गए
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्थार से पर स्मृति स्थल पर सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं। इसके साथ ही सफाई समेत अन्य व्यवस्थाएं भी पुख्ता कर ली गई हैं। सुरक्षा बलों को एहतियात के तौर पर आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही बीएसएफ की एक टुकड़ी स्मृति स्थल की निगरानी करेगी। वाजपेयी का समाधि स्थल यमुना के किनारे बनाया जाएगा। हालांकि कांग्रेस नीत सप्रंग ने नदी किनारे समाधि स्थल बनाने पर रोक लगा दी थी, लेकिन मोदी सरकार ने पूर्व फैसले को पलटते हुए यहां पर उनका समाधि स्थल बनाने का फैसला किया है। बताया जा रहा है इसके लिए मोदी सरकार शुक्रवार को अध्यादेश लाएगी।
भाजपा का उदारवादी चेहरा माने जाते थे वाजपेयी
आपको बता दें कि अटल बिहार वाजपेयी भाजपा का उदारवादी चेहरा माने जाते थे। कई सियासी दलों के सहयोग से उन्होंने 90 के दशक में केंद्र में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाई थी। इस सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने थे। वाजपेयी लंबे समय से बीमार थे, जिसके चलते उनको दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था। वाजपेयी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
Published on:
17 Aug 2018 08:31 am
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
