‘बेसिक सेफ्टी किट’ नहीं है उपलब्ध
कई फीट गहरे और जानलेवा टैंकों के अंदर अपनी जान की बाजी लगाकर उतरने वाले सफाईकर्मियों की मौत की खबरें आए दिन आती रहती हैं। इसके कई कारणों में से एक अहम कारण है ‘बेसिक सेफ्टी किट’ की अनुपलब्धता। कई बार यह सवाल उठने के बावजूद इसका कोई हल अभी तक नहीं निकल सका है। यहां तक की जब प्रयागराज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफाईकर्मियों के पैर धोए तो लगा कि अब शायद उनके लिए कोई पहल की जाएगी। लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में भी इनके लिए कुछ नहीं था। यहां तक की कांग्रेस के भी घोषणा-पत्र में उनके लिए कोई प्लान या योजना नहीं है।
पीएम ने धोए पैर, पर क्या बदली जिंदगी?
24 फरवरी को जिन पांच सफाईकर्मियों के पैर पीएम ने धोए थे, उन्होंने भी हाल ही में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इससे उनकी जिंदगी में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं आया। उन्होंने कहा, ‘मोदी जी के पैर धुलने से कोई पवित्र नहीं होगा। बल्कि उन्हें आकर देखना चाहिए कि हमें 4-4 महीने की सैलरी तक नहीं मिलती है।’ वहीं, अन्य सफाई कर्मचारियों का कहना है, ‘मोदी जी आप हमारे पैर मत धोइए आप हमारे भविष्य के बारे में देखिए।’ एक और महिला ने अपनी हालत पर दुखी होते हुए कहा कि मोदी जी अगर आए तो हम उनको साबुन से नहला दें, लेकिन उससे हमें कुछ फायदा नहीं होने वाला।’
बनाया अपना मेनिफेस्टो
कूड़ा बीनने वाली कम्युनिटी (Waste Picker Community) के अंतर्गत कूड़ा बीनने वाले, घर-घर जाकर कूड़ा उठाने वाले, जंक डीलर और दूसरे री-साइकिलर्स रजिस्टर्ड एसोसिएशन सफाई सेना शामिल हैं। इन्होंने राजनीतिक पार्टियों से देशभर के 2 लाख कूड़ा बीनने वालों की मांगें सुनने और उसे पूरा करने की जिम्मेदारी लेने को कहा है। बता दें कि ये लोग सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के अहम हिस्सेदार हैं जो शहर को साफ-सुथरा रखने में सबसे महत्वपूर्ण रोल अदा करते हैं। इनका कहना हैं कि कूड़े को सोर्स पर ही अलग-अलग करने का प्लान बनाया जाए।
इसके साथ ही कूड़ा उठाने वालों ने ये प्रमुख मांगें रखीं हैं-
– ऐसे लोगों को प्राथमिक उपचार, हेल्थ, सेफ्टी, कंपोस्टिंग और बायो मीथेन से निबटने जैसे कामों में ट्रेनिंग मुहैया कराने की मांग
– सोर्स (गारबेज जेनरेटर्स) से कूड़ा अलग करना भी सिखाना चाहिए।
– कूड़ा उठाने वालों और उनके संस्थानों को घर-घर जाकर कूड़ा उठाने के लिए एलोकेशन मुहैया कराया जाए।
– सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए काम करने वालों के साथ सम्मानजनक व्यवहार हो।
– कर्मियों को पहचान पत्र और सरकारी सेवाओं जैसे बीपीएल कार्ड, इंश्योरेंस और जन धन बैंक अकाउंट की सुविधा उपलब्ध कराने की भी मांग।
Indian Politics से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..Lok sabha election Result 2019 से जुड़ी ताज़ातरीन ख़बरों, LIVE अपडेट तथा चुनाव कार्यक्रम के लिए Download patrika Hindi News App.