27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

झारखंड: जमीनी स्तर पर बदलाव के मूड में भाजपा, कइयों के कतरे जाएंगे पर!

चुनाव के बजाय मनोनीत किए जाएंगे जिलाध्यक्ष! वरिष्ठ नेताओं में मंथन जारी चुनावों में सांसदों की भूमिका पर भी सवाल

2 min read
Google source verification

image

Navyavesh Navrahi

Jan 15, 2020

jharkhand_bjp_1.jpg

झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली करारी हार के बाद अब पार्टी हार के मंथन में जुटी है। कहा जा रहा है कि पार्टी की ओर से जिला अध्यक्षों पर कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है, जहां भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली है या स्थिति अच्छी नहीं रही। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता इसे पार्टी को मजबूत करने की कार्रवाई बता रहे हैं।

हटाए जा सकते हैं आधे से ज्यादा अध्यक्ष

प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिया है कि लगभग आधे से अधिक जिलाध्यक्ष हटाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि खराब परफॉर्मेस वाले अध्यक्षों की सूची बनाई जा रही है। इस बार कोल्हान में पार्टी को सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ा है। यहां के अधिकतर अध्यक्षों का जाना तय माना जा रहा है।

ये भी पढ़ें: मनोज तिवारी बोले, भाजपा ने जनता को केजरीवाल से 5 गुना ज्यादा न दिया तो संन्यास ले लूंगा

जमीनी स्तर पर बदलाव के मूड में पार्टी

पार्टी सूत्रों के अनुसार- जिस जिले के अध्यक्ष को हटाया जाएगा, वहां इस बार नए अध्यक्ष के लिए चुनाव नहीं, बल्कि मनोनयन होगा। सबसे पहले प्रदेश अध्यक्ष को मनोनीत किया जाएगा। इसके बाद नए जिलाध्यक्षों का मनोनयन किया जाएगा। सूत्रों का दावा है कि पार्टी इस बार जमीनी स्तर से बदलाव करने के मूड में है।

चल रहा मंथन का दौर

भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि- राज्य के वरिष्ठ नेताओं और केंद्र के नेताओं में मंथन का दौर चल रहा है और सभी स्तर पर हार के कारणों पर फीडबैक लिया जा रहा है। उन्होंने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया। उन्होंने जिलाध्यक्ष पर कार्रवाई के संबंध में सीधे तो कुछ नहीं कहा, मगर इतना जरूर कहा कि भविष्य में भाजपा एक दमदार और मजबूत विपक्ष के रूप में उभरेगी और सत्तापक्ष को किसी भी गलत कार्य की खुली छूट नहीं देगी।

ये भी पढ़ें: CAA विरोध: ओवैसी की पार्टी के पूर्व विधायक वारिस पठान भी पहुंचे जामिया

सांसदों की भूमिका पर सवाल

हार की जिम्मेवारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा पहले ही त्यागपत्र दे चुके हैं। हालांकि, अब तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नजर ऐसे सांसदों पर भी है जिसके क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में पार्टी को आशातीत सफलता नहीं मिली है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रभारी रहे ओमप्रकाश माथुर ने राष्ट्रीय नेतृत्व को विधानसभा चुनाव के बारे में एक रिपोर्ट सौंपी है। सूत्रों का दावा है कि इस रिपोर्ट में सांसदों की भूमिका पर भी सवाल उठाया गया है।

संसदीय क्षेत्रों में नहीं जीत पाई एक भी सीट

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने संसदीय चुनाव की तरह जिस प्रकार विधायकों को मैदान में उतारा था उसी प्रकार इस विधानसभा चुनाव में भी सांसदों को चुनावी मैदान में झोंका था और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी, मगर पार्टी को संसदीय चुनाव की तरह सफलता नहीं मिली है। कई संसदीय क्षेत्रों में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी।

ये भी पढ़ें: चिदंबरम बोले- सीएए पर अपने आलोचकों से बात करें पीएम मोदी

कइयों के कतरे जा सकते हैं 'पर'

गौरतलब है कि झारखंड में अभी तक भाजपा विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष के नाम नहीं तय कर सकी है। सूत्रों का कहना है कि झाविमो की भाजपा में विलय होने की तैयारी है, ऐसे में पार्टी इन दो में से किसी एक पद पर आदिवासी तो दूसरे पद पर सामान्य जाति से आने वाले नेता को बैठाना चाहती है। ऐसे में माना जा रहा है कि खरमास के बाद भाजपा में कई के पर कतरें जाएंगे तो कई को नई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।