
नई दिल्ली। लाल किले पर अबतक आपने देश के प्रधानमंत्री को स्वतंत्रता दिवस के दिन ध्वजारोहण करते देखा होगा लेकिन जल्द ही हवन करते देखेंगे। दिल्ली बीजेपी लाल किला मैदान में एक राष्ट्र रक्षा महायज्ञ आयोजित करने वाली है। लोकसभा चुनाव से पहले आयोजित होने वाले इस यज्ञ को कहीं न कहीं चुनावी हथकंडा भी माना जा रहा है।
हर घर से एक चम्मच घी
बीजेपी सांसद महेश गिरी के नेतृत्व में आयोजित राष्ट्र रक्षा महायज्ञ से पहले देश भर में घी रथ यात्रा चलाई जाएगी। इसके माध्यम से हर घर से एक चम्मच घी की आहुति का आह्वान किया जाएगा। इसके बाद देवी रथ यात्रा आयोजित होगी जिसके द्वारा देवी की प्रतिमा को राष्ट्र रक्षा महायज्ञ नगरी में लाया जाएगा।
लाल किला प्रांगण बनेगा यज्ञ स्थल
सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महेश गिरी ने बताया कि दिल्ली के लाल किला मैदान में 18 मार्च से 25 मार्च तक आठ दिवसीय राष्ट्र रक्षा महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यज्ञ के लिए लालकिला इस वजह चुना गया है ताकि अधिक से अधिक लोग इसमें आसानी से शामिल हो सकें।
मां बगलामुखी का करेंगे आह्वान
इस महोत्सव में वैदिक ज्ञान में निपुण 1111 विद्वान मां पराम्बा भगवती बगलामुखी 108 कुंडीय राष्ट्र रक्षा महायज्ञ करेंगे। महायज्ञ के दौरान देश भर से आध्यात्मिक गुरु इस पावन पहल में हिस्सा लेंगे और सवा दो करोड़ मंत्रों का मंत्रोच्चार करेंगे। इससे समूचे देश में भारतीयता एवं सांस्कृतिक अखंडता की ऊर्जा का प्रसार होगा। हिंदू मान्यता के मुताबिक मां बगलामुखी का मुकाबला ब्रह्माण्ड की सभी शक्तियां मिलकर भी नहीं कर सकती हैं। माता बगलामुखी दसमहाविद्या में आठवीं महाविद्या हैं। इन्हें माता पीतांबरा भी कहते हैं।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई हस्तियां होंगी शामिल
महेश गिरी ने बताया कि इस महायज्ञ में देश के प्रथम नागरिक से लेकर अंतिम नागरिक तक के भाग लेने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित आध्यात्मिक गुरुओं, प्रमुख राजनेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और कॉरपोरेट जगत के शीर्ष लोगों के भाग लेने की उम्मीद है।
और क्या होगा विशेष
इस महायज्ञ के दौरान देश भर के प्रसिद्ध कलाकार प्रादेशिक विविधता को प्रदर्शित करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। लाल किला मैदान के आयोजन स्थल को प्रसिद्व कला निर्देशक नितिन देसाई द्वारा डिजाइन किया जाएगा। इस महायज्ञ का थीम सांग कैलाश खेर और शंकर महादेवन कंपोज करेंगे। महायज्ञ के यज्ञशाला का निर्माण करने के लिए चारों धाम से एवं देश की डोकलाम, पुंछ जैसी सीमाओं से मिट्टी और जल लाया जाएगा।
Published on:
22 Jan 2018 07:33 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
