
नई दिल्ली। पिछले एक महीने से कर्नाटक ( Karnataka floor test ) में जारी सियासी घमासान के बीच सोमवार को बाहुबली सीएम बीएस येदियुरप्पा ( Cm BS Yeddyurappa) ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया। इसी के साथ कर्नाटक का सियासी संकट भी खत्म हो गया है।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों ने मत विभाजन की मांग नहीं की। सरकार के बहुमत परीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वो हर पल राज्य के विकास के लिए काम करेंगे।
इससे पहले फ्लोर टेस्ट ( Karnataka Floor Test ) के जोखिम को देखते हुए रविवार को भाजपा के सभी विधायकों को बेंगलुरु के एक होटल में ठहराया गया। भाजपा विधायक दल की बैठक होटल में हुई। इस बैठक में सीएम बीएस येदियुरप्पा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
- बीएस येदियुरप्पा सरकार ने हासिल किया बहुमत
- फ्लोर टेस्ट के दौरान विपक्ष ने नहीं की मत विभाजन की मांग
- सीएम येदियुरप्पा ने किया विकास कार्यों पर जोर देने का वादा
भाजपा नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा बहुमत परीक्षण का सामना करने के लिए विधानसभा पहुंच गए हैं।
सीएलपी की बैठक समाप्त
कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल ( सीएलपी ) की बैठक संपन्न हो गई है। इस बैठक में सीएलपी नेता सिद्धारमैया, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव, केजे जॉर्ज, प्रियांक खड़गे, एमबी पाटिल, ईश्वर खंद्रे और अन्य कांग्रेस विधायक मौजूद हैं। जानकारी के मुताबिक बैठक में बहुमत परीक्षण के दौरान पार्टी की रणनीति पर चर्चा हुई।
फ्लोर टेस्ट की रणनीति को लेकर हुई चर्चा
भाजपा विधायक दलों की बैठक के बाद कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि बैठक में सोमवार को विधानसभा में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में चर्चा हुई। हम सोमवार को विश्वास मत हासिल करेंगे।
इसके बाद वित्त बिल लाएंगे। मैं समझता हूं कि कांग्रेस और जेडीएस को इसका समर्थन करना चाहिए।
येदियुरप्पा के लिए फ्लोर टेस्ट पास करना आसान
बता दें बीएस येदियुरप्पा ने दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। दूसरी तरफ विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश द्वारा 17 बागी विधायकों ( कांग्रेस के 14 और जेडीएस के 3 ) को अयोग्य करार दिए जाने के बाद सदन का नया समीकरण बदल गया है।
स्पीकर केआर रमेश के इस निर्णय के बाद सीएम बीएस येदियुरप्पा से के लिए फ्लोर टेस्ट ( Karnataka Floor Test ) पास करना आसान हो गया है।
अब 224 सदस्यीय विधानसभा में स्पीकर को छोड़कर सदस्यों की प्रभावी संख्या 207 हो गई है। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 104 पर आ गया है।
भाजपा के खुद 105 विधायक हैं तथा उसे एक निर्दलीय का भी समर्थन है।
17 बागी विधायक अयोग्य घोषित
इससे पहले रविवार का दिन कर्नाटक की राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बहुमत परीक्षण से ठीक एक दिन पूर्व स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस-जेडीएस के कुल 17 बागी विधायकों को मौजूदा विधानसभा के पूरे कार्यकाल 2023 तक के लिए अयोग्य करार दिया।
ये विधायक वर्तमान विधानसभा के कार्यकाल में उपचुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। इन सभी विधायकों ने स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को चुनौती देने का एलान किया है।
Updated on:
29 Jul 2019 08:49 pm
Published on:
29 Jul 2019 09:04 am
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