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सुप्रीम कोर्ट में जज जोसेफ का नाम नहीं होने पर चिदंबरम ने उठाए सवाल, क्‍या मोदी सरकार कानून से ऊपर हो गई ?

कांग्रेस ने कहा कि केएम जोसेफ की पदोन्नति आखिर क्‍यों रोकी गई है? क्‍या इसके लिए उनका राज्‍य, धर्म या उत्‍तराखंड केस में उनकी बेंच का फैसला लेना है।

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की जज बनाने को लेकर इंदु मल्होत्रा के नाम पर सहमति देने और केएम जोसेफ के नाम पर मंजूरी नहीं देने को लेकर सियासत शुरू हो गई। जोसेफ के नाम पर केंद्र के अड़ंगे को देखते हुए कांग्रेस ने हमला बोला है। कांग्रेस नेता पी चिंदबरम ने कहा कि समक्ष नहीं आ रहा कि जोसेफ की नियुक्ति रोकी क्यों गई है। पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि खुश हूं कि खुश हूं कि इंदु मल्‍होत्रा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने जा रही हैं। निराश हूं कि जस्‍ट‍िस केएम जोसेफ की नियुक्ति अभी भी रोकी दी गई है।

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कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस ने कहा कि केएम जोसेफ की पदोन्नति आखिर क्‍यों रोकी गई है? क्‍या इसके लिए उनका राज्‍य, धर्म या उत्‍तराखंड केस में उनकी बेंच का फैसला लेना जिम्‍मेदार है? बता दें कि सरकार ने वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट की जज बनाने पर अपनी मुहर लगा दी है। इंदु मल्होत्रा देश की पहली महिला वकील होंगी जो सुप्रीम कोर्ट के लिए सीधे जज बनाई जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट के लगभग 68 साल के इतिहास में इंदू मल्होत्रा एससी की सांतवी महिला जज होंगी।

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के फैसले का चीफ जस्टिस जोसेफ ने किया था इनकार

बता दें कि कि 21 मार्च 2016 को मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ की बेंच ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी। कांग्रेस सरकार में अस्थिरिता आने के बाद केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने को कहा था। हालांकि जस्टि‍स जोसेफ और जस्ट‍िस वीके बिष्ट की बेंच ने इसे खारिज करते हुए कहा था कि राज्य में राष्‍ट्रपति शासन लगाना सुप्रीम कोर्ट के निर्धारित नियम के खिलाफ है।' इसके साथ ही जस्ट‍िस जोसेफ ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी।