
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। एक ओर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) जहां नीतीश कुमार को अपना नेता मान चुकी है। वहीं, दूसरी ओर महागठबंधन में नेता के चयन को लेकर घमासान मचा हुआ है। रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की ओर से शरद यादव को महागठबंधन का नेता बनाए जाने की वकालत पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नकारने के बाद अब बिहार में तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश तेज हो गई है।
महागठबंधन के चेहरे पर सहमति नहीं
राजधानी दिल्ली में महागठबंधन के घटक दलों की लगातार बैठकें हो रही हैं। शुक्रवार देर रात को दिल्ली में जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी की शरद यादव से मुलाकात हुई। घंटे भर से ज्यादा चली मुलाकात के बाद आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव के चेहरे को आगे बढ़ाने के सवाल पर कहा कि- "महगठबंधन में चेहरे के बारे में अभी तय नहीं हुआ है, मिल बैठकर महागठबंधन इस बारे में तय करेगा।"
अलग रणनीति पर काम कर रहे तीनों नेता!
हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा ने यह जरूर कहा कि- "इसके बाद बैठक में और दल भी आ सकते हैं।" इसके पहले गुरुवार को रात में दिल्ली के एक पांच सितारा होटेल में जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी की प्रशांत किशोर से मुलाकात हुई थी। इन तीनों नेताओ की प्रशांत किशोर से और फिर अगले दिन शरद यादव से मुलाकात से साफ है ये तीनो नेता महागठबंधन के भीतर एक अलग रणनीति पर काम कर रहे हैं।
सहमति से बनाना चाहते हैं महागठबंधन का चेहरा
जीतन राम मांझी ने एक बार फिर महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग की है। मांझी ने कहा कि- "तेजस्वी यादव को राजद ने चेहरा बनाया है। ऐसा करने की हर पार्टी को आजादी है, लेकिन अंतिम फैसला महागठबंधन की बैठक में होगा।" मांझी के बयान के बाद साफ हो गया कि तेजस्वी के नाम को लेकर राजद की तरफ से अकेले ऐलान ने बाकी सहयोगी दलों को परेशान कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, मांझी, कुशवाहा और सहनी चाहते हैं कि एक समन्वय समिति बनाई जाए और सभी दलों की एक बैठक बुलाकर उसमें महागठबंधन के चेहरे पर चर्चा हो।
सीटों के बंटवारे पर चर्चा
दरअसल, ये सभी दल भी जानते हैं कि किसी भी सूरत में राजद तेजस्वी के नाम से पीछे नहीं हटेगी, लेकिन बातचीत के टेबल पर बैठने के बाद सीटों के बंटवारे पर चर्चा और बाकी रणनीति पर विचार-विमर्श हो पाएगा। तेजस्वी को महागठबंधन का नेता मानने की सूरत में मांझी, कुशवाहा, सहनी की तरफ से सीटों पर बारगेनिंग बेहतर हो सकती है। लेकिन राजद की तरफ से दिखाई जा रही बेरुखी से महागठबंधन के ये दिग्गज परेशान हैं।
कांग्रेस को साधने की राजनीति
सूत्रों के मुताबिक, अगर राजद का रवैया ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में एक अलग विकल्प पर भी विचार हो सकता है। प्रशांत किशोर की शरद यादव से मुलाकात को इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। गठबंधन दलों के नेता कांग्रेस को भी साधने के मूड में है। कांग्रेस के आला नेताओं से मुलाकात के बाद राजद पर दबाव बढ़ाने की तैयारी में है। अगर राजद फिर भी इन्हें नजरंदाज करती रही तो बिहार में एक तीसरे विकल्प की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
Updated on:
22 Feb 2020 10:57 am
Published on:
22 Feb 2020 08:17 am
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