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‘मैं रात को सोता हूं, अपने देश को समझने की कोशिश करता हूं’ – राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने माना है कि वह देश को समझने की कोशिश कर रहे हैं। यह कोशिश वैसी ही है जैसे एक प्रेमी जिससे प्‍यार करता है उसे समझना चाहता है।

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'मैं रात को सोता हूं, अपने देश को समझने की कोशिश करता हूं' - राहुल गांधी

'मैं रात को सोता हूं, अपने देश को समझने की कोशिश करता हूं' - राहुल गांधी

दिल्ली के जवाहर भवन में आज एक पुस्तक-लॉन्च कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जोरदार भाषण दिया और अपने दिल की बात खोलकर रख दी। राहुल गांधी ने बातों-ही-बातों में बहुत कुछ कह दिया। इस दौरान उन्‍होंने कई बातों पर खुलकर राय रखी। उन्‍होंने बताया कि दिन-रात वह देश को समझने की कोशिश करते हैं। सत्‍ता के केंद्र में पैदा होने के बावजूद उनकी इसमें कोई दिलचस्‍पी नहीं है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दलितों पर लिखी किताब 'द दलित ट्रूथ: द बैटल्स फॉर रियलाइजिंग अंबेडकर्स विजन' का विमोचन किया। किताब की लॉन्चिंग पर राहुल गांधी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग सुबह से लेकर रात और रात से लेकर सुबह तक सिर्फ एक बात सोचते रहते हैं। सत्ता कैसे मिलेगी। आज ऐसे लोग हिंदुस्‍तान में भरे हुए हैं।

उन्होंने आगे कहा, "अब उसमें मेरी प्रॉब्‍लम आ गई। मैं सत्‍ता के बीच में पैदा हुआ। बिल्‍कुल बीच में। और बड़ी अजीब-सी बीमारी है कि मुझे उसमें इंटरेस्‍ट ही नहीं है। मैं सच में यह बात बोल रहा हूं।"

राहुल ने कहा, 'मैं रात को सोता हूं, अपने देश को समझने की कोशिश करता हूं। सुबह उठता हूं तो भी यही करता हूं। मुझे देश से प्‍यार है। यह कोशिश वैसी ही है जैसे एक प्रेमी जिससे प्रेम करता है, उसे समझना चाहता है।'

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उन्होने आगे कहा, "एक प्रकार से मैं भिखमंगा हूं, क्योंकि मेरे देश ने बिना किसी कारण, पूरा का पूरा प्यार मुझे दे दिया। मेरे ऊपर इसका कर्ज है। मैं हर सुबह उठकर कहता हूं कि देश से मिले इस प्यार को निभाऊं कैसे?"

इसके आगे उन्होंने कहा, "देश ने मुझे सिर्फ़ प्यार ही नहीं दिया है बल्कि देश ने मुझे जूते भी मारे हैं। देश ने मुझे बड़ी हिंसा से मारा है। मैंने सोचा कि यह क्यों हो रहा है? और जवाब मिला कि देश मुझे सिखाना चाहता है। देश मुझे कह रहा है कि तुम सिखो, समझो। दर्द हो तो कुछ नहीं, सीखो और समझो।" राहुल गाँधी के ट्विटर हैंडल द्वारा शेयर किए गए वीडियो में इस पूरे प्रसंग को सुना जा सकता है।

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