
PM मोदी के 25 कैबिनेट मंत्री में से 7 दागदार, गृह मंत्री अमित शाह भी हैं शामिल
नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी ( Narendra Modi ) देश के 16वें प्रधानमंत्री के रूप में थपथ ले चुके हैं। पीएम मोदी के साथ-साथ 57 नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इनमें 24 ने कैबिनेट मंत्री, 9 ने राज्य मंत्री-स्वतंत्र प्रभार और 24 ने राज्य मंत्री के रूप में थपथ ग्रहण की। वहीं, मोदी सरकार के नए मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो चुका है। पहली बार लोकसभा पहुंचे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ( Amit Shah ) को गृह मंत्री बनाया गया है। जबकि, राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय दिया गया है। इस बार का संसद कई मायनों में खास है। क्योंकि, 25 कैबिनेट मंत्री में से सात के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें नवनिर्वाचित गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं।
इस बार संसद में जहां महिला सांसदों की संख्या बढ़ी है। वहीं, उन सांसदों की संख्या भी बढ़ी है, जिन पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि बीजेपी के 303 सांसदो में से 116 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। जो दूसरी पार्टियों से अधिक ज्यादा है। वहीं, इस बार मोदी मंत्रिमंडल का कुनबा दागदार मंत्रियों से भरा हुआ है। सबसे पहले एक नजर कैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट पर...
कैबिनेट मंत्री
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इनमें सात ऐसे मंत्री हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं या लंबित हैं। एक नजर उन सातों मंत्रियों पर...
| नाम | पार्टी |
| नितिन गडकरी | बीजेपी |
| प्रहलाद जोशी | बीजेपी |
| अरविंद सावंत | शिवसेना |
| गिरिराज सिंह | बीजेपी |
| गजेन्द्र सिंह शेखावत | बीजेपी |
| नरेंद्र सिंह तोमर | बीजेपी |
| अमित शाह | बीजेपी |
बेगूसराय लोकसभा सीट से गिरिराज सिंह पर आचार संहिता उल्लंघन, जन प्रतिनिधि कानून के अलावा भू-स्वामित्व विवाद और धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेजों से संबंधित मामले चल रहे हैं। जोधपुर लोकसभा सीट से गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। मुरैना लोकसभा सीट से नरेंद्र सिंह तोमर पर का नामांकन अभी भारतीय निर्वाचन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं कराया गया है. लेकिन उन्होंने अपने पिछले चुनाव में एक आपराधिक मामले की घोषणा की थी। वहीं, नितिन गडकरी के खिलाफ भी तीन आपराधिक मामले लंबित हैं। इसके अलावा प्रहलाद जोशी, शिवसेना के अरविंद सावंत और अमित शाह के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। हालांकि, कुछ मामले में नेताओं को बरी कर दिया गया है तो कुछ मामले अब भी लंबित चल रहे हैं। इन सभी नेताओं ने चुनाव लड़ने के दौरान चुनाव आयोग में जो एफिडेफिट शामिल किया था, उसमें इसका विवरण दिया गया है।
पिछली बार 30 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज
गौरतलब है कि एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में बनी मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में करीब 30 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। इस रिपोर्ट के हिसाब से 78 केंद्रीय मंत्रियों में से 44 मंत्रियों ने अपने चुनावी नांमाकन में अपने ऊपर चले रहे आपराधिक मामलों की घोषणा की थी। इसमें पाया गया था कि 18 फीसदी मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे।
Updated on:
31 May 2019 05:51 pm
Published on:
31 May 2019 03:10 pm
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