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महाराष्‍ट्र: देवेंद्र फडणवीस का बड़ा खुलासा- अजित पवार के कहने पर खेला सियासी दांव, उल्‍टा पड़ गया

देवेंद्र फडणवीस ने किया इस बात का दावा अजित ने दिया था विधायकों के साथ देने का भरोसा बहुमत के अभाव में दे दिया इस्‍तीफा

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नई दिल्‍ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और महाराष्‍ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने 23 नवंबर को अचानक मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सबको चौंका दिया था। अब उन्‍होंने सीएम पद की शपथ लेने के पीछे का राज खोलकर सबको सकते में डाल दिया है। उन्‍होंने दावा किया है कि बहुमत न होने के बावजूद सीएम पर की शपथ लेना और अजित पवार को डिप्‍टी सीएम बनाना उनका एक सियासी दांव था जो उल्‍टा पड़ गया।

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बीजेपी नेता फडणवीस का कहना है कि आने वाले दिनों में इस बारे में और बातें सामने आएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि सिंचाई घोटाले में अजित पवार को मिली क्लीन चिट से उनका कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा का हलफनामा 27 नवंबर का है। मैंने 26 नवंबर को इस्तीफा दे दिया था।

देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि वह एनसीपी नेता अजित पवार थे जिन्होंने राज्य में सरकार बनाने के लिए उनसे संपर्क किया था। फडणवीस ने बताया कि अजित पवार ने उन्हें एनसीपी के सभी 54 विधायकों के समर्थन का आश्वासन दिया था। फडणवीस ने कहा कि उन्होंने मेरी कुछ विधायकों से बात कराई जिन्होंने मुझसे कहा कि वे बीजेपी के साथ जाना चाहते हैं। अजित पवार ने मुझसे यह भी कहा कि उन्होंने इस बारे में (एनसीपी प्रमुख) शरद पवार से भी चर्चा की है।

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अजित पवार ने हमसे संपर्क किया और कहा कि एनसीपी कांग्रेस के साथ नहीं जाना चाहती है। तीन दलों (शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी) का गठबंधन (सरकार) नहीं चल सकता। हम (एनसीपी) स्थिर सरकार के लिए बीजेपी के साथ जाना चाहते हैं। उनके इस आश्‍वासन के बाद ही मैंने सीएम पद की और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी।

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बता दें कि बहुमत न होने की वजह से देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने अपने से इस्‍तीफा दे दिया था। उसके बाद एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार का गठन किया था। तब सवाल उठा था कि जब बहुमत नहीं था तो फिर देवेंद्र फडणवीस ने अचानक सीएम पद की शपथ क्यों ले ली थी।

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