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चुनाव आयोग ने दिए संकेत, लोकसभा से पहले हो सकता है तेलंगाना विधानसभा चुनाव

Published: Sep 07, 2018 06:02:59 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

केसीआर ने जो सोचकर तेलंगाना विधानसभा भंग करने का ऐलान किया था, मुख्य चुनाव आयोग ने भी कुछ वैसे ही संकेत दिए हैं।

Election Commissioner OP Rawat

चुनाव आयोग ने दिए संकेत, लोकसभा से पहले हो सकता है तेलंगाना विधानसभा चुनाव

नई दिल्ली। तेलंगाना विधानसभा भंग होने के बाद जल्द चुनाव की कयासों पर पहली बार मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत की प्रतिक्रिया आई है। शुक्रवार को चुनाव आयोग की बैठक से पहले रावत ने तेलंगाना में चुनाव, अन्य चार राज्यों के साथ दिसंबर में कराने के संकेत दिए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर अन्य राज्य भी जल्द चुनाव कराने का निर्णय करते हैं, तो लॉजिस्टिक की मुश्किलों को देखते हुए यह काफी मुश्किल होगा।

जल्द से जल्द होने चाहिए चुनाव: सीईसी

मुख्य चुनाव आयुक्त ने गुरुवार को तेलंगाना विधानसभा के भंग होने के बाद जल्द चुनाव करवाने की मांग पर मीडिया से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि सदन के भंग होने की स्थिति में, चुनाव पहले ही कराए जाने चाहिए, क्योंकि कार्यवाहक सरकार को कार्यभार संभालने और लाभ लेने नहीं दिया जा सकता। आप सदन को भंग कर कार्यवाहक सरकार के तौर पर छह महीने तक सरकार नहीं चला सकते। सीईसी ने कहा कि चुनाव जल्द से जल्द होने चाहिए। इस मामले में अदालतों के कई फैसले और जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।

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तेलंगाना की तरह कर सकते हैं अन्य राज्य: ओपी रावत

रावत ने आशंका जताई है कि तेलंगाना को देखकर दूसरे राज्य भी इस तरह की मांग करते सकते हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जैसा कि आप कह रहे हैं कि दूसरे राज्यों में भी जल्द चुनाव करावाने की मांग एक संक्रमण की तरह फैल सकती है, तो इससे हमारे लिए कुछ समस्या उत्पन्न होगी।

कार्यकाल से पहले ही भंग हुई तेलंगाना विधानसभा

तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल 19 जून, 2019 को समाप्त होने वाला था, लेकिन तेलंगाना राष्ट्र समिति सरकार ने सदन भंग कर जल्द चुनाव करवाने का रास्ता चुना। गुरूवार को मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राज्यपाल से तेलंगाना विधानसभा को भंग करने की अनुशंसा की। इसके साथ राव ने राज्यपाल ई.एस.एन नरसिम्हन से मुलाकात कर अपना इस्तीफा भी सौंप दिया। दरअसर केसीआर चाहते हैं कि साल के अंत में 4 राज्यों (मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम) में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ उनके राज्य में भी चुनाव कराए जाएं। जिसके लिए विधानसभा भंग करने का फैसला लिया।

वीवीपैट पर तेजी से काम कर रहा चुनाव आयोग

कई जगहों पर हाल ही में हुए उपचुनाव के दौरान वीवीपैट में खराबी पर उन्होंने कहा कि आयोग समस्या को समाप्त करने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम फिलहाल एक समस्या का सामना कर रहे हैं। कई जगहों पर उपचुनाव के दौरान, वीवीपैट में खराबी आई, कुछ जगहों पर वीवीपैट में पांच प्रतिशत, आठ प्रतिशत और 11 प्रतिशत शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। आयोग की प्रौद्योगिकी समिति वीवीपैट से संबंधित समस्या के समाधान की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को 30 सितंबर को ईवीएम और 30 नवंबर तक वीवीपैट मिलेंगे। और जैसा कि आयोग ने सर्वदलीय बैठक में प्रतिबद्धता जताई है कि चुनाव वीवीपैट के साथ होंगे.. इसलिए चुनाव जो कि वीवीपैट संख्या के आधार पर होंगे, यह हमारे लिए समस्या नहीं है।

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