
पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया
मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया शुक्रवार को मुजफ्फरनगर पहुंचे । उन्होंने कोर्ट के वारंट पर खुद को सरेंडर किया। पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया सहित 21 लोगों पर 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान थाना सिखेड़ा में धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था।
मलिकपुरा निवासी ममेरे फुफेरे भाइयों सचिन व गौरव और कवाल निवासी शाहनवाज की हत्या के बाद जनपद में तनाव की स्थिति बनी थी । जिसमें सचिन और गौरव की हत्या के विरोध में 31 अगस्त को थाना सिखेड़ा क्षेत्र के जनता इंटर कॉलेज नगला मंदौड़ के मैदान में एक शोक सभा आयोजित की गई थी। जिसमें प्रशासन द्वारा जनपद भर में धारा 144 लगाए जाने के बाद सभा करने और भीड़ जुटाने के मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, यूपी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, साध्वी प्राची, कुंवर भारतेंद्र और पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया सहित 21 लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा के उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था।
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जिसमें 3 साल पहले कोर्ट ने अशोक कटारिया के खिलाफ वारंट जारी किए थे मगर वह कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे। इस बीच अन्य नेता लगातार कोर्ट में पेश होते रहे कई लोगों के गैर जमानती वारंट हुए । शुक्रवार को पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रेक कोर्ट एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। जिसमें कोर्ट के आदेश पर उन्हें हिरासत में लिया गया।
पूर्व मंत्री अशोक कटारिया के वकील के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई कर कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। कोर्ट से जमानत मिल जाने के बाद पूर्व मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि 2013 का मामला था नंगला मंदौड़ इंटर कॉलेज के मैदान में एक शोक सभा हुई थी जन सरोकार के लिए जाना पड़ता है और मुकदमे भी दर्ज होते हैं। इसलिए आज कोर्ट में जमानत कराने आए थे। मदरसों के चेकिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो सरकार का फैसला है,बिल्कुल सही है और मदरसों की जांच होनी चाहिए उत्तर प्रदेश में जब से योगी की सरकार आई है तमाम सरकारी और जूनियर स्कूलों की चेकिंग बीएसए व अन्य अधिकारी लगातार कर रहे हैं तो मदरसों की भी चेकिंग जरूरी है वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर भी उन्होंने कहा कि वह भी जांच जरूरी है।
Updated on:
23 Sept 2022 06:00 pm
Published on:
23 Sept 2022 05:53 pm
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