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जिसमें 3 साल पहले कोर्ट ने अशोक कटारिया के खिलाफ वारंट जारी किए थे मगर वह कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे। इस बीच अन्य नेता लगातार कोर्ट में पेश होते रहे कई लोगों के गैर जमानती वारंट हुए । शुक्रवार को पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रेक कोर्ट एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। जिसमें कोर्ट के आदेश पर उन्हें हिरासत में लिया गया।
पूर्व मंत्री अशोक कटारिया के वकील के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई कर कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। कोर्ट से जमानत मिल जाने के बाद पूर्व मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि 2013 का मामला था नंगला मंदौड़ इंटर कॉलेज के मैदान में एक शोक सभा हुई थी जन सरोकार के लिए जाना पड़ता है और मुकदमे भी दर्ज होते हैं। इसलिए आज कोर्ट में जमानत कराने आए थे। मदरसों के चेकिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो सरकार का फैसला है,बिल्कुल सही है और मदरसों की जांच होनी चाहिए उत्तर प्रदेश में जब से योगी की सरकार आई है तमाम सरकारी और जूनियर स्कूलों की चेकिंग बीएसए व अन्य अधिकारी लगातार कर रहे हैं तो मदरसों की भी चेकिंग जरूरी है वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर भी उन्होंने कहा कि वह भी जांच जरूरी है।