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संसद का मानसून सत्र: सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, सदन सुचारू रूप से चलाने की कवायद

सदन में काम-काज सामान्य और बिना किसी गतिरोध के जारी रही इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं से बात करेंगे और गतिरोध दूर करने के प्रयासों पर चर्चा करेंगे।

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संसद का मानसून सत्र: सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, सदन सुचारु रूप से चलाने की कवायद

नई दिल्ली। सरकार ने कल से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से पहले नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया है। बैठक के दौरान केंद्र सरकार ने दोनों सदनों में कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए विपक्ष के समर्थन की उम्मीद करेगी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में कामकाज के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से सहयोग अपेक्षा की है। संसद का मानसून सत्र बुधवार को शुरू होगा और 10 अगस्त तक जारी रहेगा।

अहम है सर्वदलीय बैठक

सदन में काम-काज सामान्य और बिना किसी गतिरोध के जारी रही इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं से बात करेंगे और गतिरोध दूर करने के प्रयासों पर चर्चा करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने शाम पांच बजे के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उधर विपक्ष ने संसद सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए कल सोमवार को दिल्ली में मुलाकात की। इस बैठक में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, एनसीपी के शरद पवार, बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा, आरजेडी की मीसा भारती, डीएमके के टीकेएस इलांगोवन और सीपीएम के मोहम्मद सलीम शामिल थे।

एकजुट विपक्ष सरकार के लिए बड़ी मुसीबत

इस मानसून सत्र में विपक्षी दलों की एकजुटता सरकार के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है। पत्रकारों से बात करते हुए गुलम नबी आजाद ने कहा कि बैठक में भाग लेने वाली सभी पार्टियां यह चाहती हैं कि संसद सुचारू रूप से चले। इस मानसून सत्र के लोकसभा और राज्यसभा में कई विधेयक लंबित हैं। ट्रिपल तलाक विधेयक इस सत्र में पारित कराना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक होगा।

ये हैं मुख्य मुद्दे

माना जा रहा है कि विपक्ष किसानों की समस्या, रुपये के मूल्य में गिरावट और कश्मीर में निरंतर हिंसा सहित कई मुद्दों को उठा कर सरकार को बैकफुट पर लाने की कोशिश करेगा। टीडीपी ने संकेत दिया है कि वह फिर से लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए दबाव डालेगा। इसके अलावा बेरोजगारी, कृषि संकट और पिछड़े समुदायों और अल्पसंख्यकों पर हमलों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।