राहुल गांधी से 2 दिन में दूसरी बार मिले चंद्रबाबू नायडू, शाम में सोनिया गांधी से भी करेंगे मुलाकात कांग्रेसी नेताओं से है नीतीश के बेहतर रिश्ते बताया तो ये भी जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ नीतीश व उनके प्रतिनिधियों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क बना हुआ है। भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले कीर्ति झा आजाद ने भी कुछ दिनों पहले इस बात के संकेत दिए थे। लेकिन उनकी बातें सुर्खियों में न आने से दब गई थीं। फिर भाजपा के ‘शत्रु’ से भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुराना रिश्ता है।
लोकसभा चुनाव: पश्चिम बंगाल में अंतिम चरण के मतदान में भी हिंसा, गाड़ियां फूंकी और बम चले गोपालगंज टु रायसिना हिल्स में भी है इस बात की चर्चा बता दें कि हाल ही में प्रकाशित लालू की किताब ‘गोपालगंज टु रायसीना: माय पॉलिटिकल जर्नी’ में दावा किया गया है कि भाजपा के साथ बिहार में सरकार बनाने के छह महीने बाद ही नीतीश कुमार ने अपने प्रतिनिधि के जरिए महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी। जिसे सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने गलत करार दिया था। लेकिन अब ऐसा लगता है कि पिछले कुछ महीने से जो संकेत मिल रहे हैं वो यू हीं नहीं हैं।
लोकसभा चुनाव: वोट डालने के बाद सीएम योगी बोले, भाजपा को मिलेंगी 300 से ज्यादा सीटें मतदान के बाद नीतीश ने क्या कहा? पटना में मतदान करने के बाद नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि गोडसे पर प्रज्ञा ठाकुर का बयान भाजपा का आंतरिक मामला है। इसके बावजूद एनडीए में शामिल नीतीश कुमार ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा के ऐसे बयान के लिए भाजपा को उन्हें पार्टी से बाहर करने पर विचार करना चाहिए। नीतीश कुमार ने कहा कि गांधी जी को लेकर इस तरह के बयानों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।
पलटवार कर राबड़ी देवी ने कह दी उनके दिल की बात नीतीश द्वारा प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ भाजपा से कार्रवाई करने की मांग के बाद बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देनी ने तंज कसते हुए कहा है कि अगर उन्हें प्रज्ञा ठाकुर के बयान से इतनी तकलीफ हुई तो उन्हें इस्तीफा देकर सरकार से अलग हो जाना चाहिए। राबड़ी की मंशा साफ है सुशासन बाबू भले ही बहुत देर से बोले पर भाजपा प्रज्ञा को नहीं निकालती है तो उनमेें इतनी हिम्मत है तो भाजपा को छोड़ दें।