scriptप्रज्ञा ठाकुर के बहाने एनडीए से ‘मुक्ति’ का रास्ता तो नहीं तलाश रहे CM नीतीश कुमार? | Is Nitish Kumar looking for a way out of NDA on basis of pragya thakur statement on Godse? | Patrika News

प्रज्ञा ठाकुर के बहाने एनडीए से ‘मुक्ति’ का रास्ता तो नहीं तलाश रहे CM नीतीश कुमार?

locationनई दिल्लीPublished: May 20, 2019 08:13:43 am

Submitted by:

Dhirendra

सुलगते सवाल—
1— नीतीश कुमार प्रज्ञा मामले पर बयान देकर क्‍या संकेत देना चाहते है?2— प्रज्ञा मामले पर कई दिनों की चुप्‍पी के बाद आज का ही दिन बयान देने के लिए क्‍यों चुना?3— क्‍या एनडीए की हार को भांपकर नीतीश का इरादा महागठबंधन के पाले में शिफ्ट करने का तो नहीं?
उधर,
राबड़ी देवी ने कह दी नीतीश के मन की बात, कहा— इतनी तकलीफ है तो एनडीए छोड़ क्यों नहीं देते

nitish-rabri

क्या प्रज्ञा के बहाने एनडीए से बाहर होने रास्ता तलाश रहे हैं सीएम नीतीश कुमार?

नई दिल्‍ली। भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की ओर से गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताए जाने पर घिरी भाजपा को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने नसीहत दी है। उन्‍होंने पटना में मतदान के बाद मीडिया से कहा कि यह भाजपा का अंदरुनी मामला है। इस बयान के लिए प्रज्ञा ठाकुर को पार्टी से बाहर निकला देना चाहिए। उनके इस बयान के बाद से सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कहीं नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल होने का इरादा तो नहीं बना लिया? अगर ऐसा नहीं है तो उन्‍होंने कई दिनों तक इस मुद्दे पर चुप्‍पी साधने के बाद आज ये बयान क्‍यों दिया?
राहुल गांधी से 2 दिन में दूसरी बार मिले चंद्रबाबू नायडू, शाम में सोनिया गांधी से भी करेंगे मुलाकात

कांग्रेसी नेताओं से है नीतीश के बेहतर रिश्‍ते

बताया तो ये भी जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ नीतीश व उनके प्रतिनिधियों का प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से संपर्क बना हुआ है। भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले कीर्ति झा आजाद ने भी कुछ दिनों पहले इस बात के संकेत दिए थे। लेकिन उनकी बातें सुर्खियों में न आने से दब गई थीं। फिर भाजपा के ‘शत्रु’ से भी मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का पुराना रिश्‍ता है।
लोकसभा चुनाव: पश्चिम बंगाल में अंतिम चरण के मतदान में भी हिंसा, गाड़ियां फूंकी और बम चले

गोपालगंज टु रायसिना हिल्‍स में भी है इस बात की चर्चा

बता दें कि हाल ही में प्रकाशित लालू की किताब ‘गोपालगंज टु रायसीना: माय पॉलिटिकल जर्नी’ में दावा किया गया है कि भाजपा के साथ बिहार में सरकार बनाने के छह महीने बाद ही नीतीश कुमार ने अपने प्रतिनिधि के जरिए महागठबंधन में शामिल होने की इच्‍छा जताई थी। जिसे सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष प्रशांत किशोर ने गलत करार दिया था। लेकिन अब ऐसा लगता है कि पिछले कुछ महीने से जो संकेत मिल रहे हैं वो यू हीं नहीं हैं।
लोकसभा चुनाव: वोट डालने के बाद सीएम योगी बोले, भाजपा को मिलेंगी 300 से ज्‍यादा सीटें

मतदान के बाद नीतीश ने क्‍या कहा?

पटना में मतदान करने के बाद नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि गोडसे पर प्रज्ञा ठाकुर का बयान भाजपा का आंतरिक मामला है। इसके बावजूद एनडीए में शामिल नीतीश कुमार ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा के ऐसे बयान के लिए भाजपा को उन्हें पार्टी से बाहर करने पर विचार करना चाहिए। नीतीश कुमार ने कहा कि गांधी जी को लेकर इस तरह के बयानों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।
https://twitter.com/ANI/status/1129961684972560390?ref_src=twsrc%5Etfw
पलटवार कर राबड़ी देवी ने कह दी उनके दिल की बात

नीतीश द्वारा प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ भाजपा से कार्रवाई करने की मांग के बाद बिहार की पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देनी ने तंज कसते हुए कहा है कि अगर उन्‍हें प्रज्ञा ठाकुर के बयान से इतनी तकलीफ हुई तो उन्हें इस्‍तीफा देकर सरकार से अलग हो जाना चाहिए। राबड़ी की मंशा साफ है सुशासन बाबू भले ही बहुत देर से बोले पर भाजपा प्रज्ञा को नहीं निकालती है तो उनमेें इतनी हिम्मत है तो भाजपा को छोड़ दें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो