
गीतकार जावेद अख्तर की नसीहत: कविता पर रहम करें सांसद, हर लाइन में गलती
नई दिल्ली। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चली लंबी बहस को लेकर प्रसिद्ध गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर का गुस्सा फूटा है। जावेद अख्तर ने संसद के इस सत्र को कविता का अपना बताया है। अपने जावेद ने मंगलवार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि मैं पूरी विनम्रता के साथ हाथ जोड़ कर लोकसभा में सभी सियासी दलों के सदस्यों से निवेदन करता हूं कि वो सभी कम से कम कविता पर रहम करें। जावेद अख्तर ने आगे लिखा कि बिना किसी अपवाद के, संसद के इस 12 घंटे के सत्र में सुनाए गए हर शेर में कहे शब्द और उनके उच्चारण गलत थे।
दरअसल, संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर 12 घंटे तक चली बहस में पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई सांसदों ने कविताओं और शेरों-शायरी का इस्तेमाल किया था। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद भगवंत मान ने भाजपा के नारे 'अच्छे दिन' का मजाक बनाते हुए एक कविता पढ़ी थी। इन कविताओं की पंक्तियों में इस्तेमाल होने वाले शब्दों और उनके उच्चारणों को लेकर जावेद अख्तर ने सभी सांसदों को संसद में कविता पढ़ने आदि से परहेज रखने की सलाह दी है। यहां गीतकार जावेद को आपत्ति गलत शब्द और उच्चारण के माध्यम से कविता का स्वरूप बिगाड़ने को लेकर है।
आपको बता दें कि 20 जुलाई को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के सदस्यों के बीच बहस छिड़ी थी। इस दौरान दोनों ही पक्षों के ओर से आरोप-प्रत्यारोप करते देखा गया था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी को प्यार और अमन का पैगाम देने वाली बताया था। यही ने राहुल गांधी ने लोकसभा की कार्यवाही के दौरान ही पीएम मोदी को गले लगाया था।
Published on:
25 Jul 2018 08:07 am
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