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बिहार: कभी ब्राह्मणों को कहे थे अपशब्द, अब पश्चाताप करेंगे जीतनराम मांझी, रखी ये शर्त

कभी ब्राह्मणों को अपशब्द कहने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी अब पश्चाताप करने के मूड में हैं। दरअसल, पूर्व सीएम ब्राह्मणों और पंडियों का भोज करने जा रहे हैं। हालांकि इस भोज में शामिल होने वाले ब्राह्मणों के लिए उन्होंने एक शर्त भी रखी है।

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Jitan Ram Manjhi organized a banquet for Brahmins but has a condition

Jitan Ram Manjhi organized a banquet for Brahmins but has a condition

नई दिल्ली। कभी ब्राह्मणों को अपशब्द कहने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी अब पश्चाताप करने के मूड में हैं। दरअसल, पूर्व सीएम ब्राह्मणों और पंडियों का भोज करने जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा कर वो ब्राह्मणों को लेकर कहे गए अपशब्दों का पश्चाताप करेंगे। हालांकि इस भोज में शामिल होने वाले ब्राह्मणों के लिए उन्होंने एक शर्त भी रखी है। उन्होंने कहा कि इस भोज में वहीं ब्राह्मण आमंत्रित हैं जो कभी अपराध से न जुड़े रहे हों। जीतनराम मांझी ने कहा कि इस भोज में केवल वैसे ब्राह्मण और पंडित ही आमंत्रित हैं, जिन्होंने कभी मांस मदिरा का सेवन नहीं किया हो और चोरी-डकैती न की हो।

दलितों के घर खाना नहीं खाते ब्राह्मण
बता दें कि कुछ दिनों पहले बिहार के पूर्व सीएम मांझी ने ब्राह्मणों को अपशब्द कहे थे। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि पंडित दलितों समुदाय के यहां आकर पूजा पाठ करवाते हैं, लेकिन उनके घर का खाना नहीं खाते हैं। मांझी यहीं नहीं रुके उन्होंने आरोप लगाया कि ये पंडित और ब्राह्मण इन गरीब लोगों के यहां खाना तो नहीं खाते हैं मगर उनसे नगद पैसा जरूर ले लेते हैं।

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श्चाताप के मूड में मांझी

मांझी के इस बयान के बाद से बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया था। उनके इस बयान पर ब्राह्मण समुदाय से जुड़े लोगों ने खास आपत्ति जाहिर की। मांझी के इस बयान की जमकर आलोचना हुई। वहीं सोशल मीडिया पर भी उन्हें ट्रोल किया गया। यही नहीं मांझी के बयान के चलते उनके खिलाफ बिहार के कई थानों और अदालतों में शिकायत भी दर्ज कर दी गई और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। हालांकि, मामले को बढ़ते देख मांझी ने इस पूरे मसले पर माफी मांग ली थी। बावजूद इसके इस मुद्दे पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है।

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27 दिसंबर को मांझी के घर भोज

वहीं अब मांझी ने इस विवाद को खत्म करने के लिए ब्राह्मण भोज करने का ऐलान कर दिया है। जानकारी के मुताबिक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी 27 दिसंबर को पटना में अपने सरकारी आवास पर ब्राह्मणों और पंडितों के लिए भोज का आयोजन कर रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मांझी के इस कदम से साफ है कि वह पूरे विवाद पर विराम लगाना चाहते हैं और पश्चाताप के मूड में है। हालांकि उन्होंने भोज के लिए एक शर्त रख दी है। कहा जा रहा है कि उनकी इस शर्त पर नया बवाल हो सकता है।


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