19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कर्नाटक चुनाव जोड़तोड़ः कांग्रेस के सात और जेडीएस के पांच विधायकों के संपर्क में बीजेपी

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 में नतीजें लगभग अंतिम दौर में हैं। सबसे बड़ी पार्टी बनी बीजेपी सरकार बनाने के लिए नए समीकरण तलाश रही है।

2 min read
Google source verification
Amit Shah

बेंगलूरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजे अंतिम दौर में है और सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी बहुमत से दूर होने के बावजूद सरकार बनाने की जद्दोजहद में है। राज्य में 222 सीटों पर चुनाव हुए हैं, ऐसे में 104 सीटों पर जीतती नजर आ रही बीजेपी अब जीत के समीकरण बनाने में जुटी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के सात लिंगायत नेता बीजेपी के संपर्क में हैं। दूसरी तरफ पांच जेडीएस विधायकों के भी बीजेपी के संपर्क में होने की बात सामने आई है। यदि किसी भी तरह से बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब होती है तो यह कांग्रेस-जेडीएस के संभावित गठबंधन के लिए बड़ा झटका होगा। आपको बता दें कि केपीजेपी के एक विजयी विधायक और रूझानों में आगे चल रहे एक निर्दलीय से भी संपर्क में है।

कांग्रेस ने शुरू की बचाव की कवायद

कांग्रेस ने बीजेपी के इस संभावित तोड़फोड़ से बचने के लिए अपने विधायकों को राज्य से बाहर भेजने की कवायद शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि गुजरात में अहमद पटेल को राज्यसभा सीट दिलाने के लिए विधायकों का प्रबंधन करने वाले सिद्दारमैया सरकार में ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार को ही फिर से कमान सौंपी जा सकती है। कांग्रेस के 70 विधायक जीत दर्ज कर चुके हैं, जबकि करीब 08 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। जेडीएस 37 सीटों पर जीत चुकी है, जबकि अब रूझानों में वह किसी पर भी आगे नहीं है। कांग्रेस ने सोनिया गांधी की सहमति से जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान किया था। इसके बाद जब जेडीएस नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदार कुमारस्वामी राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलने राजभवन पहुंचे तो उनके साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और कर्नाटक के निवर्तमान मुख्यमंत्री के सिद्दारमैया भी थे।

राज्यपाल से मुलाकातों का दौर जारी

उधर कर्नाटक में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत ना मिलने के चलते जोड़ तोड़ तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन उसके पास स्पष्ट बहुमत नहीं है। इसके बावजूद पार्टी ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है।