
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के अंतिम नतीजे आ गए हैं। यहां किसी भी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया, जिसके चलते सरकार गठन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी है, लेकिन वो भी बहुमत के जादुई आंकड़े से थोडा़ पीछे है। वहीं सत्ताधारी कांग्रेस को इस चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ा। जनता दल सेक्युलर ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, दोनों को संयुक्त रूप से 38 सीटें मिली हैं। एक सीट केपीजेपी (कर्नाटक प्राग्न्यवंथा जनता पार्टी) को मिली है, जबकि एक निर्दलीय के खाते में रही है। राज्य में भारतीय जनता पार्टी के वोट शेयर में पिछले चुनाव की तुलना में बड़ा बदलाव देखने को मिला है।
पिछले चुनाव से ऐसे बदला प्रमुख दलों का हाल (सीटें)
| पार्टी | 2018 | 2013 | बदलाव |
| बीजेपी | 104 | 40 | +64 |
| कांग्रेस | 78 | 122 | -44 |
| जेडीएस | 37 | 40 | -3 |
वोट शेयर में ऐसे बदली कहानी
| पार्टी | 2018 | 2013 |
| भाजपा | 36.2 फीसदी | 19.9 फीसदी |
| कांग्रेस | 38.0 फीसदी | 36.6 फीसदी |
| जेडीएस | 18.3 फीसदी | 20.2 फीसदी |
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किसकी बनेगी सरकार?
राज्य की जनता ने किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया है। ऐसे में सभी तीनों प्रमुख दल राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात कर मशक्कत में जुटे हैं। एक तरफ बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने भी अपना दावा पेश किया है। दूसरी तरफ महज 37 सीटों वाली पार्टी के नेता कुमारस्वामी ने भी अपने पक्ष में बहुमत होने का दावा किया है। कुमारस्वामी की जेडीएस को कांग्रेस ने समर्थन दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस के सात लिंगायत विधायक और जेडीएस के पांच विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं। ऐसे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है।
Published on:
16 May 2018 12:55 am
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