
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनावों को लेकर जहां राजनीतिक दल मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए लोक लुभावने वादे कर रहे हैं। वहीं, राज्य में इन दिनों सैनिटरी पैड एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस व बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने अपनेे-अपने घोषणापत्रों में फ्री सैनिटरी पैड बांटने का वादा किया है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो घोषणापत्र में सैनिटरी पैड को जगह देकर दोनों पार्टियां मंहिलाओं को अपने पक्ष में लाने का प्रयास कर रही हैं। खासकर इन दलों का निशाना ग्रामीण महिलाओं पर है।
12 प्रतिशत जीएसटी
दरअसल, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने ही अपने-अपने घोषणापत्रों में बीपीएल धारक महिलाओं व छात्राओं को निशुल्क सैनिटरी नैपकिन देने की बात कही है। लेकिन यहां चौंकाने वाली बात यह कि कर्नाटक में जो बीजेपी सरकार फ्री सैनिटरी पैड बांटने का वादा कर रही है, उसी ने केन्द्र में पैड पर 12 प्रतिशत जीएसटी कर लगाने की घोषणा की थी। कर्नाटक में स्वास्थ्य से जुड़ा अभियान चला रही डॉ. अखिला की मानें तो पहले बीजेपी सरकार सैनिटरी पैड को 12 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में लाती है और फिर चुनाव के चलते उसको फ्री में देने की बात कहती है।
इससे उनकी महिलाओं और उनके स्वास्थ्य को लेकर दोहरी मानसिकता का पता चलता है। डॉ. अखिला कहती हैं कि सरकार अभी तक सरकारी पाठशालाओं में टॉयलेट जैसी सुविधाएं दे नहीं पाई है और ऐसे में फ्री सैनिटरी पैड की पेशकश करना अपने आप में काफी हास्यपद है। बता दें राज्य में 12 मई को चुनाव होने हैं। ऐसे में चुनावी नतीजो अपने पक्ष में लाने के लिए राजनीतिक दल मतदाताओं से तरह-तरह के वादे कर रहे हैं।
Published on:
08 May 2018 08:04 pm
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